यौन संबंधों को निषेध किए जाने के कारण बढ़ रहे रेप

"महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध गिरते लिंगानुपात के कारण बढ़ रहे हैं या इसके लिए ऐसे सांस्कृतिक, धार्मिक और नैतिक कारण जिम्मेदार हैं जिनके कारण सेक्स करने से रोका जाता है और पुरुषों में सेक्स के लिए 'भूख' बढ़ रही है." कोर्ट ने यह पूछते हुए केंद्र, राज्य सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग से 10 जनवरी 2018 तक जवाब देने को कहा है.

किजस्टिस एन. किरुबाकरण ने कहा कि “महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन अपराधों में हर साल तेजी से इजाफा हो रहा है. साल 2012 में निर्भया मामले के बाद सख्त से सख्त कानून लाए जाने के बाद भी महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों को रोका नहीं जा सका है. ऐसे यौन अपराधों को मामलों की मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण से जांच करनी चाहिए.” कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग से जवाब माँगा है कि “क्या शराब की लत ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है या गिरता लिंगानुपात और कन्या भ्रूण हत्या इसके लिए जिम्मेदार है.”

कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि “क्या सांस्कृतिक, धार्मिक, नियमों और नैतिकता जैसी वजहों से यौन संबंधों को निषेध किए जाने के कारण भारतीय पुरुषों में सेक्स की 'भूख' बढ़ गई है और वे ऐसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं?” कोर्ट ने आगे पुछा “क्या सेक्स एजुकेशन की कमी और अश्लील सामग्री तक आसान पहुंच भी बढ़ते यौन अपराधों के लिए जिम्मेदार है?” 

 

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