नई दिल्ली : सायरस मिस्त्री को अचानक टाटा संस के चेयरमैन के पद से हटाए जाने के बाद रतन टाटा ने कहा कि टाटा समूह की भविष्य की सफलता के लिए सायरस मिस्त्री को हटाना बेहद जरूरी हो गया था. अंतरिम चैयरमैन रतन टाटा ने कहा कि 'टाटा संस की लीडरशिप में बदलाव का फैसला काफी सोच-समझकर और चर्चा के बाद लिया गया था. रतन टाटा के अनुसार 'यह कठिन फैसला था, लेकिन जरूरी था. बोर्ड का ऐसा विश्वास था कि टाटा संस के भविष्य की सफलता के लिए इस तरह का फैसला लिया जाना चाहिए. बता दें कि 6 लाख 60 हजार कर्मचारियों वाली टाटा कम्पनी में सायरस मिस्त्री को अचानक टाटा संस के चेयरमैन के पद से हटाने के बाद दोनों पक्षों की ओर से आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. उल्लेखनीय बात यह है कि रतन टाटा की पत्र के जरिये यह प्रतिक्रिया सायरस मिस्त्री के उस ताजा बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि डोकोमो विवाद से संबंधित सभी फैसलों के बारे में रतन टाटा को पूरी जानकारी थी, जबकि मिस्त्री ने उन आरोपों को भी खारिज किया था, जिनमें समूह की ओर से कहा गया था कि डोकोमो विवाद में उन्होंने टाटा संस की संस्कृति के अनुसार काम नहीं किया. टाटा के खिलाफ उठी जांच की मांग