नई दिल्लीः देश में आर्थिक सुस्ती का माहौल है। सरकार लगातार ऐसे किसी मंदी से इनकार करती रही है। मगर आंकड़े देश में मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ने अपने एक सर्वेक्षण में कहा कि गों की धारणा, रोजगार के अवसर, आय और खर्च में गिरावट आई है। अर्थात कंज्यूमर कांफिडेंस छह साल के सबसे निचले लेवल पर पहुंच गया है। सर्वे के अनुसार, सितंबर में कंज्यूमर कांफिडेंस कमजोर हुआ क्योंकि वर्तमान स्थिति सूचकांक (सीसीआई) एवं भविष्य की उम्मीदों से जुड़े सूचकांक (एफईआई) दोनों में गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, देश का सीसीआई सितंबर में घटकर 89.4 पर रह गया। इससे पहले जुलाई में यह आंकड़ा 95.7 पर था। पिछली बार सितंबर 2018 में सीसीआई घटकर 88 रह गया था। रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण में यह खुलासा भी किया गया है कि इकोनॉमी और रोजगार को लेकर ओवरऑल सेंटिमेंट में कमी दर्ज की गई है और लोग आने वाले साल में अपनी आय को लेकर बहुत अधिक आशावादी नजर नहीं आ रहे। इस सर्वे के अनुसार, नौकरियों को लेकर नजरिए एवं उम्मीद में लगातार कमी दर्ज की जा रही है जो सितंबर में घटकर -24.5 रह गया। इससे पहले जुलाई में यह आंकड़ा -13.1 पर था। हालांकि, आय को लेकर मार्च, 2018 के बाद पहली बार सेंटिमेंट निगेटिव हुआ है। बता दें कि मांग में कमी आने के कारण देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार मेंभी गिरावट आई है। काला धन मामले में भारत सरकार को मिली बड़ी सफलता, स्विस बैंक ने भारतीय खातों का ब्यौरा गोएयर ने अपने नेटवर्क विस्तार करने के लिए बनाई ये योजना देश के विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड बढ़त, जानें आंकड़ा