मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक यानि आरबीआई भविष्य में फिर से रेपो रेट में कटौती कर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस ओर संकेत दिया है। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था के इस चरण में यह नहीं कहा जा सकता कि रेपो रेट की न्यूनतम सीमा क्या हो जहां से इसे और नहीं घटाया जा सकता है। अगली बैठक में एमपीसी ही यह तय करेगी कि रेपो रेट घटाया जाना चाहिए या नहीं। लेकिन इतना तय है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आरबीआइ रेपो रेट में कटौती की अपनी सोच पर आगे बढ़ता रहेगा। आरबीआइ ने पिछले हफ्ते रेपो रेट में 25 आधार अंकों की और कटौती की थी। उसके बाद मौजूदा रेपो रेट 5.15 परसेंट रह गया है, जो मार्च, 2010 के बाद रेपो रेट का निचला स्तर है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर में एमपीसी की इस वर्ष की आखिरी बैठक में रेपो रेट में और कटौती की गुंजाइश बन रही है और वह घटकर पांच फीसद के नीचे रह सकता है। आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने कहा है कि बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को किसी भी वित्तीय मदद के बारे में विचार नहीं कर रहा है। उनके मुताबिक रिजर्व बैंक का मत है कि बाजार में तरलता या नकदी की कोई कमी नहीं है। मंदी के बावजूद भी त्योहारी सीजन में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुआ बम्पर कारोबार, जानें आंकड़ा ऑनलाइन स्टार्टअप ट्रेवल कंपनी रेल यात्री करने जा रही बड़ा निवेश, यह है योजना PMC के बाद एक और बैंक पर गिरी गाज, ग्राहक नहीं निकाल पा रहे अपना ही पैसा