नई दिल्ली: एक ओर सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर कानून बनाने की तैयारी कर रही है, जो क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा निर्धारित करेगा और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य का फैसला करेगी. दूसरी ओर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास बिटक्वॉइन, इथीरियम जैसी प्राइवेट डिजिटल करेंसी को लेकर लगातार चिंता प्रकट कर रहे हैं. शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्रीय बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ‘गंभीर’ रूप से चिंतित है और उसने सरकार को इस चिंता के बारे में बता दिया है. अब इस मामले में अंतिम निर्णय सरकार को लेना है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के इकॉनमी में योगदान के विषय में ‘विश्वसनीय स्पष्टीकरण और जवाब’ की आवश्यकता है. बिटक्वॉइन जैसी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी नियमन के दायरे में नहीं है. इसकी कीमत में भी काफी उतार-चढ़ाव रहता है. इस प्रकार की आवाजें उठ रही हैं कि इन्हें विदेशी संपत्ति जैसा माना जाए. सरकार को इस बात पर निर्णय लेना है कि इन्हें पूरी तरह इजाजत दी जाए या नहीं. बता दें कि इससे पहले 4 जून को भी RBI गवर्नर ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी राय खुलकर सामने रखी थी. क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को लेकर दास ने कहा कि RBI डिजिटल करेंसी में निवेश को लेकर किसी किस्म की सलाह नहीं दे रहा है. यह निवेशकों का अपना निर्णय होगा. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 16 अगस्त को कहा था कि सरकार एक कानून बनाने रही है, जो इसे रेग्युलेट करेगी. वित्त मंत्री ने तो यहां तक कहा था कि क्रिप्टो कानून को लेकर कैबिनेट नोट तैयार है. मुझे उस दिन की प्रतीक्षा है, जब कैबिनेट से इसे हरी झंडी मिल जाएगी. गणेश चतुर्थी पर 'सोना' खरीदने का सुनहरा मौक़ा, एक झटके में इतने घट गए भाव भारत में अपनी दोनों फैक्ट्रीज बंद कर रही Ford India, जाएगी 4000 लोगों की नौकरी लगातार पांचवे दिन भी नहीं बदला पेट्रोल-डीजल का भाव, जानिए आज का दाम