नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि RBI ने लगातार तीसरी बार अपनी रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया क्योंकि मौद्रिक नीति समिति (MPC) के छह में से पांच सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया क्योंकि इसने मुद्रास्फीति पर कड़ी निगरानी रखी थी। बता दें कि, भारत ने जून से बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मई 2022 से दरों में 250 आधार अंक (BPS) की बढ़ोतरी की है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने फरवरी में अपनी बेंचमार्क रेपो दर को 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया था, लेकिन पिछली दो बैठकों में इसे अपरिवर्तित छोड़ दिया है। नई MPC नीति की घोषणा करते हुए गवर्नर ने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था में चल रहे परिवर्तनकारी बदलाव से लाभ पाने के लिए भारत विशिष्ट स्थिति में है।" शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि MPC मुद्रास्फीति पर नजर रखेगी और मुद्रास्फीति को लक्षित स्तर पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। दास ने कहा कि, ''ब्याज दर को बरकरार रखते हुए, हेडलाइन मुद्रास्फीति अभी भी RBI के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।'' लैपटॉप और टेबलेट की बिक्री में आया जबरदस्त उछाल, क्या सरकार द्वारा 'आयात बंद' करना है इसकी वजह ? जानिए क्यों की जाती है कॉस्ट कटिंग और क्यों है जरुरी जानिए क्या होता है सेंट्रल आईडिया...?