नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ने एक और बैंक पर कड़ी कारवाई की है। यह कारवाई लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के खिलाफ हुई है। आरबीआई ने बैड लोन के बढ़ते उच्च स्तर, जोखिमों के प्रबंधन के लिए पर्याप्त पूंजी की कमी और परिसंपत्तियों पर नकारात्मक रिटर्न की वजह से यह कदम उठाया है। बैंक को प्रॉम्प्ट करेक्विटव ऐक्शन फ्रेमवर्क में डाल दिया है। पीसीए के तहत लक्ष्मी निवास बैंक पर कर्ज देने, नई शाखाएं खोलने और लाभांश का भुगतान करने पर रोक लग गयी है। बैंक को चुनिंदा क्षेत्रों को दिए कर्ज में कमी लाने पर भी काम करना होगा। आरबीआई के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का लक्ष्मी विलास बैंक में प्रस्तावित विलय अधर में अटक गया है। विलय को अभी रिजर्व बैंक से मंजूरी नहीं मिली है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के एलवीबी के बोर्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज करने और धन की हेराफेरी का आरोप लगने के बाद आरबीआई ने शीघ्र ही इस पर एक्शन लिया है। पुलिस बोर्ड में शामिल निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोपों की जांच कर रही है। आरबीआई ने 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए जोखिम की निगरानी के तहत हुई जांच के बाद यह कार्रवाई शुरू की है। बैंक को 2018-19 में 894.10 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। लक्ष्मी निवास बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक की कार्रवाई से उसका प्रदर्शन बेहतर होगा तथा सामान्य तौर पर जमा स्वीकार करने या पुनर्भुगतान समेत उसके दैनिक परिचालन पर प्रतिकूल असर नहीं होगा। पीएमसी बैंक के निलंबित प्रबंध निदेशक ने किया बड़ा खुलासा वित्त मंत्री ने पीएसयू के प्रमुखों के साथ बैठक में दिया यह आदेश हीरा खदान में निवेश से पहले खदान का अध्ययन कराएंगी कंपनियां