देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशियों का स्वामी ग्रह है. सामान्यत: गुरु शुभ फल देता है किंतु दूसरे ग्रह यदि उसके साथ विराजमान हो जाए तो ये अशुभ फल देने लगता है जिससे व्यक्ति आर्थिक, मानसिक, शारीरिक एवं पारिवारिक रूप से परेशान हो जाता है, तो आप गुरु भगवान का एक सरल मंत्र से जाप कर जल्द मनचाही नौकरी व जीवनसाथी की मुराद के साथ-साथ हर मनोकामना पूर्ण हो जाएगी. जानिए किन मंत्रो से ब्रहस्पति भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है. यदि आप गुरु के अनिष्टकारी प्रभाव से आप परेशान हैं तो बृहस्पति का मूल मंत्र और शांति पाठ आपके लिए कल्याणकारी हो सकता है. इसके लिए यद मंत्र करे- ऊं बृं बृहस्पतये नम: रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं, विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्.पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्, विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्.. गुरु ज्ञान, प्रतिभा, वैभव, लक्ष्मी और सम्मान के प्रदाता हैं. ग्रह रूप में इनकी प्रतिकूल दृष्टि होने पर मनुष्य धन-संपत्ति आदि से हीन होकर बहुत दुख भोगता है. इनकी आराधना एवं पूजा से सभी प्रकार का सुख एवं ऐश्वर्य प्राप्त होता है. सफलता पाने के लिए करे शिव के अलग अलग नामो का जाप करना है शनि देव को प्रसन्न तो अपनाये ये उपाय शनिदेव का करे सरसो के तेल से अभिषेक