कभी कभी हमारे जीवन में ऐसी परिस्थिति आ जाती है जब हम बहुत सारी मुश्किलो से घिर जाते है.और ऐसी स्थिति में कही से कोई मदद भी नहीं मिल पाती. और ऐसे में भगवान ही एकमात्र सहारा रह जाते हैं. दुर्गासप्तशती के 11 वें अध्याय में वर्णित 3 श्लोक सभी प्रकार की विपत्तियों का तुरंत नाश कर देता हैं. मंत्र- देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य. प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य.. जप विधि- प्रात:काल जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले माता दुर्गा की पूजा करें. इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर लाल चंदन के मोतियों की माला से इस मंत्र का जप करें. इस मंत्र की प्रतिदिन 5 माला जप करने से हर प्रकार की विपत्तियों का नाश हो जाता है. यदि जप का समय, स्थान, आसन, तथा माला एक ही हो तो यह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है. खाना खाते वक़्त न करे ये कामधन की प्राप्ति में मददगार है ये सिक्केखड़े होकर कभी ना खाये खाना