कई बार घर की साज सजावट और घर में रखे सामानों से भी वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है. वास्तु दोष का असर कम करने के लिए वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं, इनमे से एक है वास्तु मंत्र. वास्तु दोष दूर करने के लिए इन मंत्रों की भी मदद ली जा सकती है. 1-पूर्व दिशा के स्वामी बृहस्पति हैं और इस दिशा के देवता भगवान शिव को माना जाता हैं. इस दिशा के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए नियमित रूप सेऊँ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का जप करें. साथ ही संतान और सुखी परिवार के लिए ऊँ नमः शिवाय का 108 बार जप करें. 2-पश्चिम दिशा के स्वामी ग्रह शनि और देवता वरूण हैं. इस दिशा में किचन कभी भी नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में वास्तु दोष होने पर शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नमः का नियमित जप करें. यह मंत्र शनि के कुप्रभाव को भी दूर कर देता है. 3-उत्तर दिशा के देवता धन के स्वामी कुबेर हैं. इस दिशा के दूषित होने पर माता एवं घर में रहने वाली महिलाओं को कष्ट होता है. साथ ही आर्थिक परेशानियों और धन आदि के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. इस दिशा को वास्तु दोष से मुक्त करने के लिए ऊँ बुधाय नमः या ऊँ कुबेराय नमःका जप करें. आर्थिक समस्याओं में कुबेर मंत्र का जप अधिक लाभकारी होता है. 4-दक्षिण दिशा के स्वामी ग्रह मंगल और देवता यम हैं. दक्षिण दिशा से वास्तु दोष दूर करने के लिए नियमित ऊँ अं अंगारकाय नमः मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. ऊँ यमाय नमः मंत्र से भी इस दिशा का दोष समाप्त हो जाता है. साथ ही यम मंत्र के पाठ से मनुष्य को अपने जाने-अनजाने किए गए पापों से भी छुटकारा मिलता है. भगवान की उपासना में फूलो का महत्व