Realme ने हाल ही में भारतीय बाजार में अपना दूसरा ट्रू वायरलेस ईयरबड्स पेश किया है जिसे Realme Buds Air Neo नाम दिया गया है। इससे पहले कंपनी ने पिछले साल पहला ईयरबड्स Buds Air लॉन्च किया था। Buds Air की कीमत 3,999 रुपये थी लेकिन Buds Air Neo को बाजार की मांग को देखते हुए 2,999 रुपये में पेश किया गया। Buds Air Neo देखने में काफी हद तक पहले वाले बड्स की तरह ही है। Buds Air Neo को हमने कई दिनों तक इस्तेमाल किया है। आइए रिव्यू में जानते हैं क्या 2,999 रुपये की कीमत में Buds Air Neo खरीदना फायदे का सौदा होगा?फीचर्स की बात करें तो इसमें 13mm का ड्राइवर दिया गया है और टच सेंसर दिया गया है। कंपनी ने इसमें R1 चिप का भी इस्तेमाल किया है जिसे लेकर कंपनी ने स्टेबल कनेक्शन दावा किआ है। इसके अलावा इसमें ब्लूटूथ 5.0 दिया गया है। इस ईयरबड्स में ऑटो कनेक्टर भी है। बड्स में गूगल असिस्टेंट का भी सपोर्ट दिया गया है। रियलमी बड्स एयर नियो आपको तीन कलर वेरियंट में मिलेगा जिनमें पॉप व्हाइट, पंक ग्रीन और रॉक रेड शामिल हैं। इसके अलावा Air Neo को वाटर रेसिस्टेंट के लिए IPX4 की रेटिंग भी मिली है। बड्स के केस में चार्जिंग के लिए माइक्रो यूएसबी पोर्ट मिलेगा। रियलमी लिंक एप से आप इस ईयरबड्स को अपग्रेड भी कर सकेंगे, हालांकि इसकी चार्जिंग केस में वायरलेस चार्जिंग का सपोर्ट नहीं है। बता दें कि बड्स एयर के केस में वायरलेस चार्जिंग का सपोर्ट था।डिजाइन को लेकर कुछ खास कहने की जरूरत नहीं है। ग्रिपिंग अच्छी है। दौड़ने पर भी ईयरबड्स कान से गिरते नहीं हैं, हालांकि भीड़-भाड़ वाले इलाके में गिरने का डर बना रहता है। लंबे समय तक इस्तेमाल करने भी कान में दर्द नहीं होता है। एक ईयरबड्स का वजन महज 4.1 ग्राम है, जबकि केस सहित इसका कुल वजन 30.5 ग्राम है। फिनिशिंग और बिल्ड क्वालिटी भी बेहतरीन है। चार्जिंग केस में एक बैटरी इंडिकेटर है। चार्जिंग केस में एक पेयरिंग बटन भी दिया गया है जो किसी नई डिवाइस में पेयरिंग में काफी मदद करता है।परफॉर्मेंस से पहले इसके खास फीचर्स की बात करें तो इसमें डबल टैप करके आप कॉल रिसीव कर सकते हैं और म्यूजिक को Play/Pause कर सकते हैं। तीन बार टैप करने के बाद अगला गाना बजने लगेगा। किसी भी एक साइड में थोडी देर दबाकर आप कॉल डिस्कनेक्ट कर सकते हैं और वॉयस असिस्टेंट को एक्टिवेट कर सकते हैं।यदि आप गेम खेल रहे हैं और सुपर लैटेसी मोड में जाना चाहते हैं तो आपको दोनों साइड के सेंसर पर टैप करके थोड़ी देर रूकना होगा। अब जहां तक परफॉर्मेंसका सवाल है टच सेंसर की प्लेसमेंट काफी अच्छी जगह दी गई है, क्योंकि अधिकतर ईयरबड्स के सेंसर की जगह ही गलत होती है जिसकी वजह से सोते समय सेंसर के दबने से दिक्कत होती। Buds Air Neo के साथ ऐसी समस्या नहीं है। ईयरबड्स पर बिना टैप किए सेंसर एक्टिवेट नहीं होते। ऑटो कनेक्टिविटी फास्ट है। हमनें रिव्यू के लिए Buds Air Neo को आईफोन और एंड्रॉयड दोनों डिवाइस पर इस्तेमाल किया है। दोनों डिवाइस में कनेक्टिविटीको लेकर हमें किसी समस्या से जूझना नहीं पड़ा। आईफोन हो या एंड्रॉयड दोनों डिवाइस पर आवाज क्रिस्टल क्लियर है। आप किसी म्यूजिक की एक-एक बिट्स को Buds Air Neo में सुन सकते हैं। Buds Air Neo हमें इसलिए बहुत पसंद आया क्योंकि यह कान को पूरी तरह से पैक नहीं करता है। इसे इस्तेमाल करते हुए भी आप किसी से फेस टू फेस बात कर सकते हैं। फुल वॉल्यूम पर भी आवाज कानों में चुभती नहीं है। Buds Air Neo का ऑडियो लेवल आइडियल है और बास भी बढ़िया है। बैटरी लाइफ की बात करें तो कंपनी ने केस सहित इसकी बैटरी बैकअप को लेकर 17 घंटे का दावा किया है। रिव्यू के दौरान दोनों ईयरबड्स की बैटरी ने करीब 3 घंटे तक का साथ दिया, इसके बाद एक ईयरबड्स की बैटरी खत्म हो गई। चार्जिंग केस ईयरबड्स की लो बैटरी के बारे में जानकारी नहीं देती है। 40 फीसदी से बैटरी कम होने पर ईयरबड्स डिस्टर्ब होने लगते हैं।जहां तक कॉलिंग का सवाल है तो आईफोन के साथ इसके जरिए कॉलिंग में थोड़ी समस्या है। फोन को काफी करीब रखना पड़ता है। उदाहऱण के तौर पर यदि आपके आईफोन से Buds Air Neo कनेक्ट है और आप चाहें कि जेब में फोन रहे और आप आराम से बात करें तो यह थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि कई बार आवाज कट जाती है, कई बार आपको तो आवाज पूरी मिलता है लेकिन सामने वाले को नहीं मिलती और कई बार आवाज बस्ट हो जाती है। वहीं एंड्रॉयड के साथ इस तरह की कोई समस्या नहीं है। एंड्रॉयड फोन पर आईफोन के मुकाबले अधिक बास मिलता है और आवाज तेज आती है। तो कुल मिलाकर कहें तो यदि आप कम कीमत में एपल के एयरपॉड की डिजाइन वाला और अच्छी ऑडियो क्वालिटी वाला कोई ईयरबड्स चाहते हैं Buds Air Neo आपको निराश नहीं करेगा। Airtel यूजर्स को एक प्लान में मिलेगी मोबाइल से लेकर डीटीएच की सर्विस Jio Fiber के ग्राहकों को मिलेगा अमेजन प्राइम वीडियो का सब्सक्रिप्शन फ्री कोरोना संक्रमण के बहाने सरकारें इस हद तक करेगी निगरानी