गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रिय पर्व है, जिसे भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, और मुंबई में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, हालांकि भारत के अन्य हिस्सों में भी इसकी पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की मूर्ति को घरों और सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाता है और दस दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस पर्व की शुरुआत भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि से होती है, जो सामान्यतः अगस्त या सितंबर के बीच आती है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी का आगाज़ 7 सितंबर, शनिवार को हो रहा है। भक्तगण गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को विभिन्न आकार और रंगों में तैयार करते हैं, और उसे भव्य तरीके से सजाते हैं। पूजा के पहले दिन गणेश जी की मूर्ति को विधिपूर्वक घर या सार्वजनिक पंडाल में स्थापित किया जाता है। वही इस साल गणेश चतुर्थी उत्सव की शुरुआत 7 सितंबर, दिन शनिवार से हो रही है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, गणेश चतुर्थी के उत्सव के दिनों में गणेश जी की पूजा के दौरान गणेश स्तोत्र का पाठ करने से जिससे जीवन के हर काम में कामयाबी प्राप्त होती है, जीवन में खुशहाली आती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. गणेश स्तोत्र पाठ (Ganesh Stotra) प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम्, भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये. प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम्, तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम्. लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च, सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्. नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम्, एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन्. द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः, न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो. विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्, पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम्. जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते, संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः. अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते, तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः गणेश स्तोत्र का पाठ करने के लाभ गणेश जी की पूजा और उनके स्तोत्रों का पाठ हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है, और यह विश्वास है कि उनके स्तोत्रों का पाठ करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है हरतालिका तीज पर राशि अनुसार पहनें इस रंग की साड़ी या चूड़ियां, बनी रहेगी कृपा भारत नहीं इस देश में है भगवान गणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा यहां 700 सालों से ज्वालामुखी के पास बैठे हैं भगवान गणेश! अद्भुत है नजारा