रोटोमैक पेन के मालिक विक्रम कोठारी भी घोटालेबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए है और जांच एजेंसियों ने उन पर भी कार्यवाही शुरू कर दी है. बैंकों ने कोठारी की कुछ संपत्ति जब्त की है जिससे सिर्फ 100 करोड़ मिलेंगे. मगर भारतीय बैंकों के पैसे से विदेशों में जायदाद खरीद लेने वाले कोठरी से रिकवरी इतनी आसान नहीं है क्योकि- कोठारी ने लोन के पैसे विदेशों में काफी बड़ी जायदाद खरीद ली है. कोठरी की 97% जायदाद विदेश में है बैंकों को कर्ज चुकाने का झांसा देकर वह विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदता रहा. देश में उसके पास इतनी जायदाद ही नहीं कि लोन की रिकवरी हो सके. कर्ज की रकम डूबती नजर आई तो बैंक अफसरों ने हेडक्वार्टर को पूरा मामला बताया, लेकिन नो एक्शन चौकीदारों को किसी भी कीमत पर कैमरा वालों को अंदर ना आने देने का आदेश है. बंगले के गार्ड ने ना तो कोठारी का अता-पता बताया और ना ही किसी परिवार वालों से बात कराई. रोटोमैक के दफ्तर से भी कोई जानकारी नहीं. देश में घोटाले पर घोटाले हो रहे है और सरकार घोटाले हो जाने के बाद खाना पूर्ति के एक्शन भी ले रही है, एक तरफ भुखमरी, गरीबी, लाचारी की हाहाकार है, वही दूसरी तरफ देश को लूटने का अमीरो का बाजार है और इन सब पर मौन साधे सरकार है, फ़िलहाल कोठरी फरार है. रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी के घर छापा एनपीए की दलदल में धंसता बैंकिंग सेक्टर नए मोदी का नया बयान, भागा नहीं हूँ पैसे खाकर