नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एयर इंडिया से सभी नियुक्ति और पदोन्नति रोकने को कहा है। सरकार ने कहा सभी नई फ्लाइट तभी शुरू होंगी जब काफी जरूरी हो। सरकार की तरफ से ये निर्देश डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (डीआईपीएएम) की ओर से आया है। सरकार ने एयर इंडिया विनिवेश पर मंत्री समूह पुनर्गठित किया है। गृह मंत्री अमित शाह इस समूह की अगुवाई करेंगे। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस समूह से सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को हटा दिया गया है। ये मंत्री समूह एयर इंडिया की बिक्री के तौर तरीके तय करेगा। इसमें अमित शाह समेत कुल चार केंद्रीय मंंत्री शामिल होंगे। शाह के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी शामिल होंगे। एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस बार, हमें विनिवेश पर कोई संदेह नहीं है। जिस गति से चीजें आगे बढ़ रही हैं, एयरलाइन का स्वामित्व एक निजी पार्टी को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।" एयर इंडिया पर कुल 58 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। साथ ही संचयी नुकसान 70 हजार करोड़ रुपये है। 31 मार्च, 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में एयरलाइन को 7,600 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल 2018 में एअर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री और एयरलाइन के प्रबंधन नियंत्रण के लिए निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं। ये प्रक्रिया विफल हो गई थी और निवेशकों ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए बोलियां नहीं दी थीं। आईओसी और एयर इंडिया के बीच का गतिरोध खत्म, इस कारण था मतभेद कर्ज में डूबी एयर इंडिया के लिए सरकार का नया प्लान, बेचेगी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी