इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के जूनी इंदौर थाना क्षेत्र में रहने वाले दो युवकों के बीच रिश्तों में दरार आने के बाद एक गंभीर घटना सामने आई है। शारीरिक संबंधों को लेकर दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि एक युवक ने अपने ही दोस्त पर चाकू से हमला कर दिया। घटना के पश्चात् आरोपी फरार हो गया, किन्तु पुलिस ने उसे खंडवा से गिरफ्तार कर लिया। घटना जूनी इंदौर थाना इलाके की है। दोनों युवक मूल रूप से खंडवा जिले के निवासी हैं। पढ़ाई और नौकरी के लिए दोनों ने इंदौर में एक किराए का कमरा साझा किया था। एक ही स्थान से होने की वजह से उनकी दोस्ती गहरी हो गई। समय के साथ दोनों ने एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाए और पति-पत्नी की तरह रहने लगे। वही इसी बीच, एक युवक के परिवार ने उसकी शादी एक युवती से तय कर दी। परिवार के इस फैसले के पश्चात् उसने अपने साथी से रिश्ते को खत्म करने की बात कही। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। साथी युवक ने इस रिश्ते को खत्म करने से साफ इनकार कर दिया एवं दोनों के बीच तकरार बढ़ने लगी। मामले ने हिंसक रूप तब लिया जब आरोपी युवक ने अपने साथी को समझाने का प्रयास किया, मगर जब बात नहीं बनी तो वह अपना आपा खो बैठा। उसने चाकू उठाकर अपने दोस्त पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक किसी तरह थाने पहुंचा तथा पुलिस को घटना की जानकारी दी। घटना के पश्चात् आरोपी युवक फरार हो गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तहकीकात शुरू की और उसे खंडवा से गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने साथी से रिश्ते को बनाए रखना चाहता था। जब साथी युवक ने इस रिश्ते को खत्म करने की बात कही, तो वह नाराज हो गया और गुस्से में हमला कर बैठा। घायल युवक ने पुलिस को बताया कि आरोपी शारीरिक संबंध बनाए रखना चाहता था, मगर उसने इसका विरोध किया। इस विरोध से बौखलाकर आरोपी ने चाकू से हमला किया और घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस द्वारा मामले की गहराई से तहकीकात की जा रही है। आज संसद में पेश होगा एक देश-एक चुनाव विधेयक, पहले ही विरोध में उतरे दिग्विजय सिंह 'इतनी हिम्मत तो किसी पकिस्तानी में भी नहीं..', राहुल के बाद अब प्रियंका का मुरीद हुआ PAK, क्यों? 'फिलिस्तीन' लिखा हुआ बैग लेकर संसद पहुंचीं प्रियंका वाड्रा, क्या 'बांग्लादेशी हिन्दुओं' के लिए भी कुछ बोलेंगी?