गुरुवार को सरकार ने अप्रैल महीने के लिए थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़ें जारी किये हैं. सरकार द्वारा कहा गया कि अप्रैल महीने में कोरोना वायरस प्रकोप के कारण लॉकडाउन के चलते उत्पादों का सीमित लेन-देन हुआ है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में प्राथमिक वस्तुओं में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में 0.79 फीसद की अपस्फीति (संकुचन) रही. जबकि मार्च में 3.27 फीसद की मुद्रास्फीति थी. अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक में ईंधन और बिजली की बात करें, तो इनमें 10.12 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया है. जबकि पिछले महीने में 1.76 फीसद संकुचन देखा गया था. उद्योगपतियों के लिए बढ़ी मुश्किलें, कर्मचारियों को ढूंढने में होगी दिक्कत अपने एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'कोरोना वायरस प्रकोप के कारण अप्रैल 2020 में थोक बाजार में उत्पादों के सीमित लेनदेन के कारण WPI के चुनिंदा उपसमूहों/समूहों के ही प्राइस मूवमेंट को जारी करने का निर्णय लिया गया है.' बयान में कहा गया कि निर्मित उत्पाद समूह इंडेक्स की उपलब्धता नहीं होने के कारण अप्रैल 2020 के लिए सभी कमोडिटीज की WPI गणना नहीं हो सकती है. लाल निशान के साथ खुले बाजार, 600 अंक लुढ़का सेंसेक्स इसके अलावा बयान में कहा गया कि कृषि उत्पादों की मंडी की कीमतों के आधार पर प्राथमिक वस्तुओं के मूल्य सूचकांकों की गणना की गई है. ईंधन और बिजली जैसे प्रमुख समूहों के मूल्य सूचकांकों की गणना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, चयनित सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों और कोयला नियंत्रक व केंद्रीय विधुत प्राधिकरण के कार्यालयों से लिये गए मूल्य आंकड़ों के आधार पर की गई है. अप्रैल 2020 के लिए इन दो प्रमुख समूहों (प्राथमिक वस्तुओं और ईंधन व बिजली) के मूल्य सूचकांक मानक प्रकियाओं के साथ जारी किये गए हैं. भगोड़े माल्या का सरकार को बड़ा ऑफर, बैंकों का चुकाना चाहता है सारा पैसा... तीन महीने तक आपको अधिक मिलेगी सैलरी ! सरकार ने की है यह घोषणाजल्द शुरू होने वाली है दिल्ली मेट्रो, DMRC ने दिए संकेत