रिलायंस इंडस्ट्रीज को भेदिया में मिली राहत

नई दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भेदिया कारोबार के एक मामले में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को राहत दी है. सेबी ने रिलायंस पेट्रोइन्वेस्टमेंट्स (RPIL) को 2007 से चल रहे भेदिया कारोबार के मामले में बरी कर दिया है. यह मामला RIL द्वारा इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉरपोरेशन (RPCL) का अधिग्रहण किए जाने से पहले का है. 

सेबी ने इससे पहले मई 2013 में RPIL पर भेदिया कारोबार का आरोप लगाते हुए 11 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. आदेश में कहा गया था कि RPIL ने लाभांश और विलय पर भेदिया सूचना का गलत फायदा उठाया और 27 फरवरी से 2 मार्च 2007 के बीच IPCL के 55.50 करोड़ रुपये कीमत वाले 21 लाख शेयर खरीदे और 3.80 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.

उस आदेश को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने दिसंबर 2015 में रद्द कर दिया था और सेबी से 3 महीने में नया आदेश जारी करने को कहा था. नए आदेश में सेबी के निर्णायक अधिकारी सुरेश गुप्ता ने सबूतों की कमी बताते हुए ये आरोप खत्म कर दिए.

8 मार्च को जारी आदेश में गुप्ता ने कहा, '...जांच प्राधिकरण सबूतों के जरिये यह साबित नहीं कर सका कि RPIL को IPCL के शेयर खरीदते वक्त भेदिया सूचना हासिल नहीं थी. इससे साबित होता है कि RPIL और RIL ने भेदिया करोबार नहीं किया.

RIL की दलील थी कि RPIL को सरकार की विनिवेश प्रक्रिया के तहत IPCL के शेयर खरीदने के लिए ही बनाया गया था. उसने कहा कि RPIL ने स्वतंत्र रूप से काम किया और शेयर की कीमत पर असर डालने वाली कोई भी सूचना उसके पास नहीं थी.

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