जानिए क्या Reliance Industries बन पाएगी कर्ज मुक्त, Saudi Aramco डील में बनेगी बात

एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज को 2021 तक कर्जमुक्त बनाने के राह में नए रोड़े नजर आ रहे हैं। असल में, नरेंद्र मोदी सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की Saudi Arabian Oil Co. को तेल कारोबार से जुड़ी हिस्सेदारी बेचने की योजना को एक अदालत में चुनौती दी है। इसके अलावा इससे कर्ज चुकाने के लिए आय के एक प्रमुख स्रोत की संभावना फिलहाल क्षीण हो गई है। इसके अलावा ऑयल रिफाइनिंग, टेलीकॉम्युनिकेशन और रिटेल बिजनेस करने वाला समूह कुछ प्रतिकूल टैक्स प्रस्तावों से भी जूझ रहा है।

इससे समूह के कारोबार को धक्का लगने की आशंका है। कंपनी के शेयरों में दिसंबर के मध्य में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद से करीब नौ फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने इस बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया। वहीं अंबानी ने अगस्त में शेयरहोल्डर्स को सूचित किया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने तेल और पेट्रोकेमिकल यूनिट का 20% हिस्सा अरामको को बेचेगी। एक अनुमान के अनुसार यह लगभग 75 अरब डॉलर की डील होगी। 

यह डील कंपनी को कर्जमुक्त बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही कंपनी पर मार्च, 2019 तक 22 अरब डॉलर का ऋण है। फिलहाल , दिसंबर में केंद्र सरकार ने एक अदालत में इस प्रस्तावित बिक्री को चुनौती देते हुए इसे रोकने का आग्रह किया था। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि यह याचिका कानूनी रूप से वैध नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। रिलायंस इंडस्ट्रीज को उम्मीद है कि जरूरी स्वीकृति मिलने पर कंपनी मार्च 2020 तक अरामको के साथ डील कर लेगी। 

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