देश में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन तेजी से बढ़ा है और छोटे कस्बों के लोग भी अमेजन और फ्लिपकार्ट से जमकर सामान खरीद रहे हैं। फिलहाल , नया साल इन कंपनियों के लिए खासा चैलेंजिंग रहने वाला है क्योंकि देश के दूरसंचार जगत में धमाल मचाने के बाद मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली Reliance ने ई-कॉमर्स बिजनेस में उतरने की योजना तैयार कर ली है। कंपनी अगले साल दिवाली में ई-कॉमर्स मार्केट में धमाकेदार इंट्री की तैयारी में लगे हुए है। इससे पहले से बाजार में वर्चस्व वाली कंपनियों Flipkart और Amazon को कड़ी टक्कर मिल सकती है। दिवाली में ग्रॉसरी सेग्मेंट में इंट्री की तैयारी Forrester के वरिष्ठ विश्लेषक सतीश मीणा के अनुसार रिलायंस जिस भी सेक्टर में पैसा लगाती है, वहां डिस्काउंट आधारित रणनीति अपनाती है। उसके अगले साल दिवाली तक ग्रॉसरी सेग्मेंट में प्रवेश करने की संभावना है। इसके अलावा, समयसीमा तय नहीं है परन्तु वे जबरदस्त इंट्री करने वाले हैं। Flipkart, Amazon को मिलेगी चुनौती ऑनलाइन रिटेल सेक्टर में रिलायंस रिटेल की इंट्री अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहने वाला है क्योंकि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली दिग्गज कंपनी पूरे बाजार की दिशा बदलने में सक्षम स्थिति में है। Reliance Retail देश के 6,600 शहरों में 10,415 स्टोर का संचालन करती है। इन स्टोर्स में हर साल 50 करोड़ फुटफॉल होता है। ऐसे में उसके पास पूरे देश में ऑनलाइन ऑपरेशन्स की पूरी क्षमता है। रिलायंस रिटेल अपने कर्मचारियों के लिए पहले ही फूड और ग्रॉसरी एप का बिटा वर्जन लांच कर चुकी है और इसके टेस्टिंग का काम चल रहा है। नई ई-कॉमर्स नीति भी होगी अहम इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन ने देशभर में स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग एवं अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अनुमान जाहिर किया है कि भारत का ई-कॉमर्स मार्केट 2026 तक 200 अरब डॉलर का हो जा सकता है। नई ई-कॉमर्स नीति भी इन दोनों विदेशी कंपनियों के लिए चिंता की सबब बन सकती है। भारत में बड़े पैमाने पर भारी छूट के साथ सेल को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार अपनी नई ई-कॉमर्स नीति में छोटे एवं मझोले कंपनियों को लेवल प्लेइंग फील्ड उपलब्ध करा सकती है। Irctc ने निकला है नए साल पर अमृतसर घूमने का शानदार ऑफर, कम खर्च में गोल्डन टेम्पल में टेके मत्था टॉप 50 कंपनियों ने बैलेंसशीट सुधारने के लिए चुकाया 59,600 करोड़ रुपये का कर्ज भारत बन सकता है 2026 चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी देश, जर्मनी के CEBR ने जताया अनुमान