नई दिल्लीः रिलायंस जियो ने ट्राई द्वारा इंटरकनेक्शन प्रयोगकर्ता शुल्क (आईयूसी) की समीक्षा पर निशाना साधा है। जियो ने इसे गरीब विरोधी बताते हुए कहा कहा है कि यह पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया अभियान के विरूद्ध है। जियो ने आईयूसी को खत्म करने की समय सीमा से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को मनमाना और गरीब विरोधी करार दिया है। जियो ने कहा कि यह कानूनी तौर पर भी गलत है। ट्राई पर निशाना साधते हुए जियो ने कहा कि आईयूसी पर उसके रवैये से नियामक की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे दूरसंचार क्षेत्र के निवेशकों का भरोसा भी डगमगाएगा। ट्राई की समीक्षा के बाद जियो ने दावा किया कि एक जनवरी, 2020 के क्रियान्वयन की तारीख में किसी तरह के बदलाव से मुफ्त कॉल का दौर समाप्त हो जाएगा और शुल्क बढ़ा दिए जाएंगे, जो कि यह उपभोक्ताओं के हित में नहीं होगा। ज्ञात हो कि किसी दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर अपने ग्राहक के कॉल को पूरा करने के लिए दूरसंचार ऑपरेटर को भुगतान करना पड़ता है। इसमें प्रतिद्वंद्वी नेटवर्क को आईयूसी देना पड़ता है, जो फिलहाल छह पैसे प्रति मिनट है। ट्राई द्वारा आईयूसी को समाप्त करने की समय सीमा को जनवरी, 2020 से आगे बढ़ाने के लिए समीक्षा की जा रही है। इस वजह से जियो ने अपने ग्राहकों पर छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगा दिया है। जियो का आरोप है कि प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया पर जोर दे रहे हैं, वहीं 'आईयूसी' लगाकर लोगों को इस अधिकार से दूर किया जा रहा है। थॉमस कुक इंडिया का कारोबार बढ़ा, विदेशी कंपनी के दिवालिया होने का नहीं पड़ा असर वित्त मंत्री ने कहा, निवेश के लिए नई नीति बनाएगी सरकार कश्मीर: घाटी में तनाव के कारण सेब और अखरोट उत्पादकों पर आई शामत