रिलायंस लाइफ साइंसेज ने एक रियल-टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन- पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरआरटी-पीसीआर) किट विकसित किया है जो लगभग 2 घंटे के समय में COVID-19 संक्रमण के निदान का परीक्षण और वादा करता है। परिणाम देने के लिए परीक्षण के तरीके जो अब हमें 24 घंटे तक लगते हैं। SARS-CoV-2 से न्यूक्लिक एसिड की गुणात्मक पहचान एक निदान देने में 24 घंटे तक का समय लेती है। मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस लाइफ साइंसेज, कम्प्यूटेशनल वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-3 के 100 से अधिक जीनोम का विश्लेषण किया है और गुणात्मक -Real-Time- आरटीआर (RT-PCR) विकसित करने के लिए अद्वितीय RT-PCR प्राइमरों का डिजाइन किया है ) COVID-19 का पता लगाने के लिए है। वही RT-PCR किट गोल्ड स्टैंडर्ड का है और इसे R-Green किट (SARS COV2-real-time-PCR) के रूप में नामित किया गया है और तकनीकी रूप से ICMR द्वारा संतोषजनक प्रदर्शन के रूप में मान्य किया गया है। सत्यापन प्रक्रिया ने किट डिज़ाइन को न तो अनुमोदित किया है और न ही अस्वीकृत किया है और साथ ही किट उपयोगकर्ता-मित्रता प्रमाणित नहीं है। सूत्रों ने कहा कि RT-PCR एक आंतरिक नियंत्रण के रूप में एक्टिन के साथ SARS COV2 वायरस के जीन, ई-जीन, आर-जीन, आरडीआरपी का पता लगा सकता है। ICMR परिणामों के अनुसार, किट में 98.7% संवेदनशीलता और 98.8% विशिष्टता दिखाई गई है। रिलायंस लाइफ साइंसेज ने गर्व से कहा, किट केंद्र में कार्यरत अनुसंधान और विकास वैज्ञानिकों का स्वदेशी विकास है। इस RT-PCR किट का सबसे बड़ा फायदा इसकी सरलता है और इसका उपयोग भारत में आसानी से उपलब्ध सरल अभिकर्मकों और प्राइमरों को संश्लेषित करके किया जाता है, जो किट को एक पूर्ण 'मेड इन इंडिया' उत्पाद में बदल देता है। निदान का समय लगभग 2 घंटे है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्या हुआ बदलाव, यहाँ जानें आज के भाव कोरोना के दौर में छोटे व्यापारियों के लिए गूगल ने लॉन्च किया ये नया अभियान रिलायंस रिटेल में आई निवेश की बहार, ये दो कंपनियां करेंगी अरबों डॉलर का इन्वेस्टमेंट