एक और 'मानसिक' बीमार! मंदिर में घुसकर शिवलिंग के पास पेशाब करने वाला आरा शेख गिरफ्तार

कोलकाता: मुर्शिदाबाद के कंदर गांव में एक बेहद परेशान करने वाली घटना सामने आई, जहां एक वीडियो में एक मुस्लिम व्यक्ति को एक हिंदू मंदिर में प्रवेश करते और हिंदू धर्म में एक पवित्र प्रतीक शिव लिंग के करीब पेशाब करते हुए आपत्तिजनक कृत्य करते हुए कैद किया गया। 31 अक्टूबर, 2023 को हुई इस घटना ने इंटरनेट पर वीडियो वायरल होने के बाद व्यापक ध्यान आकर्षित किया और निंदा की।

 

वीडियो फुटेज में आरोपी को आरा शेख के रूप में पहचाना गया है, जो मंदिर परिसर में जाने से पहले एक अन्य व्यक्ति के साथ तीखी नोकझोंक में लगा हुआ है। दर्शकों की अपील और चिल्लाने के बावजूद, जिन्होंने उसे रोकने की कोशिश की, आरा शेख मंदिर के अंदर पेशाब करने के लिए आगे बढ़ा, जिसे हिंदू समुदाय के लिए बेहद अपमानजनक और अपमानजनक माना गया। इस वीडियो के प्रसार से ऑनलाइन समुदाय, विशेषकर हिंदू समुदाय के बीच आक्रोश फैल गया। कई लोगों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को पहुंची गहरी ठेस पर जोर देते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि आरा शेख को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके अतिरिक्त, यह भी पता चला है कि उनका 2017 से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का इलाज चल रहा है, जिससे पता चलता है कि उनकी स्थिति ने उनके कार्यों में भूमिका निभाई होगी। इन दावों का समर्थन करने के लिए मेडिकल रिकॉर्ड और स्थानीय कानून प्रवर्तन के साथ एक रिकॉर्ड की गई बातचीत प्रस्तुत की गई है, जो घटना के संबंध में आरा शेख की गिरफ्तारी की पुष्टि करती है। 

और कितने मानसिक बीमार ?  बता दें कि, पहले भी इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इंदौर में शिव मंदिर में हस्तमैथुन करते हुए वसीम का वीडियो वायरल हुआ था, गोरखनाथ पीठ में अहमद मुर्तजा अब्बास नामक मुस्लिम युवक ने चाक़ू से लोगों पर हमला किया था, हैदराबाद में बुर्काधारी दो मुस्लिम महिलाओं ने एक मंदिर में घुस कर देवी प्रतिमा को खंडित कर दिया था। रांची में रमीज ने मंदिर का ताला तोड़ कर हनुमान जी की प्रतिमा तोड़ी थी। मेरठ में भी शोएब शिवलिंग पर पेशाब करता पाया गया था। मुंबई के सेंट माइकल चर्च में दाऊद अंसारी ने घुसकर तोड़फोड़ मचाई थी, और क्रॉस उखाड़ दिए थे। घटनाएं इसके अलावा और भी बहुत हैं, लेकिन सभी घटनाओं में एक बात कॉमन है, वो है मुस्लिम लोग, गैर-मुस्लिम धर्मस्थल और मानसिक बीमारी का दावा। हर बार इन आरोपियों को मानसिक बीमार बताकर छोड़ दिया जाता है। इस तरह की घटनाओं पर लोग सवाल उठाते हैं कि, ये कैसे मानसिक बीमार हैं, जो कभी मस्जिद या दरगाह में जाकर पेशाब या तोड़फोड़ नहीं करते, इनकी मानसिक बीमारी गैर-मुस्लिमों के धर्मस्थलों पर ही क्यों निकलती है ?

प्रतिभा को मिले पंख: 35000 मेधावी विद्यार्थियों को असम की हिमंता सरकार ने बांटी स्कूटी

छत्तीसगढ़: नक्सलियों के निशाने पर क्यों हैं भाजपा नेता ? चुनाव प्रचार के दौरान रतन दुबे को गोलियों से भूना, फिर कुल्हाड़ी से काटा

प्रदूषण का समाधान? दिल्ली में 10 नवंबर तक स्कूल बंद ! हवाओं में लगातार बढ़ रहा 'जहर'

 

Related News