भारत एक लोकतांत्रिक देश है यहाँ हर इंसान को अपने विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. लोगो के हित के लिए समय-समय पर भारतीय संविधान में भी संसोधन किया जाता है. देश में एक सुचारू न्याय व्यवस्था है, जिसके द्वारा देश के हर मामले का निर्णय किया जाता है. लेकिन लोगो द्वारा कभी-कभी अजीब तरह की याचिका दायर की जाती है, जिससे कोर्ट का भी समय बर्बाद होता है और उसका कोई लाभकारी परिणाम भी नहीं मिलता है. ऐसी ही एक जनहित याचिका मद्रास हाई कोर्ट में दायर की गयी थी, जिसे सोमवार को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया. उल्लेखनीय है कि मद्रास हाई कोर्ट में कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय में रिसर्च स्कॉलर एस मुरुगनाथम ने याचिका दायर करके देश की करेंसी पर गांधी जी के नाम के आगे 'महात्मा' शब्द का इस्तेमाल न करने की मांग की थी और करेंसी पर 'महात्मा' लगाने की संवैधानिक वैधता का मुद्दा उठाया था. सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्ट‍िस एम सुंदर की पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि- इस तरह की याचिका सिर्फ कोर्ट के काम में बाधा डालती हैं और कोर्ट के बहुमुल्य समय को बर्बाद करती हैं. बता दे कि हाई कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए एस मुरुगनाथम पर 10 हजार का जुर्माना लगाया जो हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार में जमा किये जायेगे. जजों पर रिश्वत केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम कानून से ऊपर नहीं आज SC करेगा जजों के खिलाफ सुनवाई का फैसला निर्भया मामले की पुनर्विचार याचिकाओं पर 12 दिसंबर को सुनवाई