हिन्दू ज्योतिष के अनुसार, राहु एक असुर का कटा हुआ सिर है, जो ग्रहण के समय सूर्य या चंद्रमा का ग्रहण करता है. बौद्ध धर्म में राहु को क्रोधदेवतााओं में से एक माना जाता है. राहु एक छाया ग्रह है यह स्वतंत्र प्रवृति का होता है एवं ग्रहों के शुभ प्रभाव को घटा देता है और अशुभ प्रभावों को बढ़ा देता है. ज्योतिष में राहु विच्छेदन , संचार , अभिनय , रहस्य और विष का कारक होता है. आइये जानते है कि राहु की बाधा से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है. राहु ग्रह के कारण उत्पन्न होने वाली बाधाएं : राहु के कारण शिक्षा,ख़राब स्वास्थ्य, संपत्ति सम्बन्धी मामलों में समस्या,सांसारिक मान में हानि,रहस्यमयी रोग,न्यायालयी मुक़दमे,अड़ियल और जिद्दी व्यवहार,चरित्र-दोष,वैराग्य भाव,घर संसार से दूरी,करियर तथा धन आदि की बाधा आती है. राहु के दुष्प्रभाव से बचाव के उपाय : इसके बचाव के लिए सात्विक रहकर राहु के वैदिक मंत्र - "ॐ रां राहवे नमः' का जाप करना चाहिए,प्रातः सूर्य को जल देना चाहिए, पूजा स्थान पर हमेशा नारियल रखना चाहिए,नीले कपड़े में चन्दन का टुकड़ा रखकर धारण करना चाहिए.मस्तक पर चन्दन का तिलक लगान चाहिए,अमावस्या को किसी निर्धन को भोजन कराना चाहिए.हाथी दांत या शंख धारण करना चाहिए,राहु की वस्तुओं का दान करना चाहिए. ऐसे करें साईं बाबा का व्रत, सदा बनी रहेगी कृपा भगवान गणेश के इन 14 नामों से मिलती हैं अपार सफलता बुधवार को इन उपायों से करें विघ्नहर्ता को प्रसन्न 2 मई को मंगल के इस उपाय से पाए सफलता