लता दीदी को याद कर बोली शर्मीला टैगोर- अफसोस है मैं लता मंगेशकर अवॉर्ड उनके हाथों...

स्वर कोकिला लता मंगेशकर 6 फरवरी को हम सबको हमेशा के लिए छोड़कर दुनिया को अलविदा बोल दिया है। शिवाजी पार्क में लता का अंतिम संस्कार भी किया जा चुका है। राजकीय सम्मान के साथ लता को अंतिम विदाई दी गई, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, सचिन तेंदुलकर, जावेद अख्तर, रणबीर कपूर, अजीत पवार और शाहरुख खान सहित कई हस्तियां आई हुईं थीं। देहांत के उपरांत स्टार्स और फैंस उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भी लता को याद किया है और उनका बोलना है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह अब लता मंगेशकर के हाथों से लता मंगेशकर अवॉर्ड नहीं ले सकती।

जहां इस बारें में शर्मिला टैगोर ने बोला है कि- 'मुझे 2020 में लता मंगेशकर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट भी किया जा चुका था, जो कि कोरोना वायरस की वजह से स्थगित हो गया था। लताजी ने मुझे 2021 में फिर से कॉल किया। उस समय मैं कोरोना के दूसरे लहर के कारण से डर गई थी। मैंने उनसे यह पुरस्कार इस वर्ष देने का अनुरोध किया था। यह बहुत बड़ा अफसोस है कि मैं उससे इसे प्राप्त नहीं कर पाऊँगी। यह ऐसा अद्भुत क्षण होता, जिसे अब मैंने अस्वीकार भी कर दिया है।  यह आखिरी बार था जब मैंने उनसे बात की थी।'

अपनी बात को जारी रखते हुए शर्मिला टैगोर ने आगे बोला है कि- 'मैं छोटी थी जब मूवी महल देखने के लिए गई थी और केवल एक चीज जो मुझे याद है वह गीत आएगा आने वाला... झूले पर मधुबाला के साथ। जिसके उपरांत मैंने मुगल-ए-आजम देखी। लता जी की आवाज स्वाभाविक थी और उन्होंने दशकों तक गाने गाये। उनकी आवाज ईश्वर प्रदत्त थी। मैंने उन्हें गाते देखा है। उन दिनों लोग एक ऑर्केस्ट्रा के साथ रिकॉर्ड किया करते थे, और उनकी आवाज अनिवार्य रूप से फर्स्ट-टेक OK था। उन्होंने कई भाषाओं में सही उच्चारण के साथ गाया। उनकी आवाज अतुलनीय है और अमर रहेगी।'

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