नई दिल्ली : केंद्र सरकार अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार सौर ऊर्जा पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार अगले साल मार्च तक अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की 21 गीगावॉट की परियोजनाओं के लिए निविदाएं बुलाएंगी. इसमें तीन से चार हजार मेगावॉट की हिस्सेदारी पवन बिजली (विंड पावर) की होगी. तीसरे और चौथे दौर की निविदाओं में प्रत्येक दौर में 1.5 से 2 गीगावॉट की बोली लगेगी. इस बारे में बिजली एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अब तक अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सौर और पवन बिजली परियोजनाओं के लिए निविदाओं के दो दौर हो चुके हैं. पहले दो दौर की परियोजनाओं से 2,000 मेगावॉट विंड पावर की क्षमता जुड़ जाएगी.फ़िलहाल देश में 32 हजार मेगावॉट विंड पावर का उत्पादन हो रहा है. आपको बता दें कि सरकार वर्ष 2022 तक विंड पावर की उत्पादन क्षमता 60,000 मेगावॉट तक पहुंचाना चाहती है.वहीँ सरकार वर्ष 2022 तक एक लाख मेगावॉट सोलर पावर उत्पादन का लक्ष्य पाने के लिए अगले दो साल 30-30 हजार मेगावॉट की परियोजनाओं के लिए निविदाएं मंगाएगी. इस मौके पर सिंह ने दावा किया कि 2022 तक अक्षय ऊर्जा से 1.75 लाख मेगावॉट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है. इसके बाद भारत पांच साल में दो लाख मेगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन करने लगेगा. यह भी देखें बिहार की बिजली से चलती है मुंबई की लोकल ट्रेनें 2018 में लॉन्च होगा यह इलेक्ट्रिक स्कूटर