विश्व मलेरिया दिवस: हर जगह आगे रहने वाला भारत मच्छरों के कारण पिछड़ा

आज यानी 25 अप्रेल को विश्व मलेरिया दिवस है, आज के दिन भारत के साथ विश्व के कई देश मच्छरों के काटने से होने वाले रोग मलेरिया के लिए अपने नागरिकों को जागरूक करते नजर आएंगे. इस लिस्ट में भारत भी पिछड़ा हुआ है. वैसे तो आजादी के बाद भारत ने विश्व स्तर अपना नाम रोशन कर खुद को साबित किया लेकिन वहीं दूसरी तरफ मच्छरों के काटने की समस्यां से हम अभी तक निजात नहीं पा सके है. आइये आपको बताते है कुछ चौंकाने वाले आकड़ें-

भारत में अगर मलेरिया की बात करे तो, झारखण्ड, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़,  मेघालय और नॉर्थ ईस्ट में सबसे ज्यादा मामले देखे गए है.

भारत में हुए अब तक के सारे मामलों पर नजर डाली जाए तो 40% केस मात्र उड़ीसा में है.

2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार 91 देशों से करीब 21.6 करोड़ केस सामने आए जो, 2015 के मामलो से 5 गुना ज्यादा है.

पुरे विश्व में मलेरिया के मामलो पर नजर डाली जाए तो इसके 80% मामले अकेले भारत, इथियोपिया, पाकिस्तान और इंडोनेशिया से सामने आए है.

एक समय भारत में 1965 में मलेरिया के मामले घटकर महज 1000 रह गए थे जिसके बाद एक फिर 11 साल बाद 64 लाख मामले दर्ज किये जो सरकार के चिंता का विषय था.

कई रिपोर्ट के अनुसार भारत के इन सभी मामलों पर नजर डालने पर एक चीज जो चिंता करने वाली है वो यह की यह सभी मामले अधिकतर ऐसे क्षेत्रों के है जहाँ पर लोग कम पढ़े लिखें है हालाँकि मलेरिया का इलाज अब आसान और सम्भव है बशर्ते है इस बारे में लोग थोड़े भी अवेयर होकर इलाज के लिए समय पर पहुंचे. 

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