चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण के दौरान हुई हिंसा पर दुःख जताया है। कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण के दौरान होने वाली हिंसा न केवल दुःखदायी है वहीं इस कारण होने वाली हिंसा से जिन लोगों को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई होना भी अब मुश्किल है। गौरतलब है कि बीते दिनो ही क्षेत्र में जाट आरक्षण का मामला तूल पकड़ गया था और इस दौरान हिंसा होने से हालात बेकाबू हो गये थे। हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि जाट आरक्षण के दौर की तुलना आतंकवाद के दौर से भी की जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएस सारौ और लीजी गिल का कहना है कि आजादी के बाद से अभी तक यदिकोई दुःखद घटना है तो जाट आरक्षण के दौरान होने वाली हिंसा ही मानी जा सकती है। दरअसल माननीय हाईकोर्ट को इस बात से अधिक दुःख है कि जाट आंदोलन से जुड़े कुछ लोगों ने हिंसा के दौरान सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। कोर्ट ने इसी मामले की सुनवाई करते हुये टिप्पणी की थी। जाट आरक्षण के मसले पर सीबीआई जांच की सिफारिश