नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 50 करोड़ रुपये तक के व्यवसाय वाली इकाइयों के लिए खुदरा ऋण सीमा में इजाफा करते हुए इसे 7.5 करोड़ रुपये कर दिया है। पहले यह सीमा पांच करोड़ रुपये थी। इस पहल का उद्देश्य छोटी कंपनियों के लिए कर्ज प्रवाह में वृद्धि करना है। रिज़र्व बैंक ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि 75 फीसदी जोखिम भारांश सभी नए कर्ज और मौजूदा ऋण पर लागू होगा। इसके तहत कंपनियां बैंक से 7.5 करोड़ रुपये की संशोधित सीमा तक और लोन ले सकेंगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि, '50 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली निजी और छोटी कंपनियों के लिए कर्ज की लागत में कमी लाने और बासेल गाइडलाइन्स के अनुरूप करने के लिए, सकल खुदरा कर्ज के लिए पांच करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 7.5 करोड़ रुपये करने का फैसला लिया गया है।' इससे पहले, मौद्रिक नीति सिमिति की बैठक के बाद नौ अक्तूबर को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसका ऐलान किया था। एक अन्य नोटिफिकेशन में RBI ने कहा कि एक सितंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक सांवधिक तरलता अनुपात (SLR) प्रतिभूतियों के लिए 'हेल्ड टू मैच्युरिटी' (परिपक्व होने तक प्रतिभूति रखना) के तहत बढ़ी हुई सीमा 22 प्रतिशत की व्यवस्था को 31 मार्च 2022 तक रखने की इजाजत देने का फैसला किया गया है। सोना-चांदी की वायदा कीमतों में आई गिरावट, जानिए क्या है भाव शेयर मार्केट की शुरुआत में नहीं दिखा दम, सेंसेक्स में आई गिरावट, निफ्टी का हुआ ये हाल कोरोना महामारी पर बिल गेट्स ने जताई चिंता, बताया कब सामान्य होंगे हालात