नई दिल्ली: दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में सहायता की योजना की दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय बैंक ने मोबाइल एप बनाने के लिए एक कंपनी का चुनाव किया है। रिजर्व बैंक ने छह सितंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया था कि इस प्रस्तावित मोबाइल एप्लिकेशन के लिए इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होगी। RBI के दस्तावेज में कहा गया है कि मोबाइल आधारित एप बनाने के लिए 16 निर्माताओं (वेंडर) ने दिलचस्पी दिखाई थी और 'अंतिम रैंकिंग' में पांच कंपनियां बची थीं। इसमें कहा गया है कि एप विकसित करने के लिए डैफोडिल सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड को चुना गया है। वर्तमान में 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2,000 रुपए के बैंकनोट मार्केट में चल रह हैं। दृष्टिबाधित लोगों के लिए नकदी आधारित लेन देन को कामयाब बनाने के लिए बैंक नोट की पहचान आवश्यक है। नोट को पहचानने में दृष्टिबाधित लोगों की सहायता के लिए 'इंटाग्लियो प्रिंटिंग' आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं। यह चिह्न 100 रुपए और उससे ऊपर के नोट में मौजूद हैं। यह एप महात्मा गांधी श्रृंखला और महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के नोटों की पहचान करने में सहायक होगा। इसके लिए व्यक्ति को नोट को फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी पिछ लेनी होगी। अगर नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो एप आडियो नोटिफिकेशन के माध्यम से दृष्टिबाधित व्यक्ति को नोट के मूल्य के बारे में जानकारी दे देगा। यदि तस्वीर सही से नहीं ली गई या फिर नोट को रीड करने में कोई समस्या हो रही है तो एप फिर से प्रयास करने की सूचना देगा। देश में दृष्टिबाधितों की तादाद लगभग 80 लाख है। आरबीआई की इस पहल से उन्हें लाभ होगा। एयर इंडिया को मिली राहत, 6 एयरपोर्ट पर शुरू हुई तेल सप्लाई नीति आयोग ने राज्यों से की यह अपील नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने इस बैंक को भी लगाया चूना