झाबुआ : एमपी में तापमान अब आसमान छूने लगा है और साथ ही प्रदेश के कई जिलों में भीषण जल सकंट भी उत्पन्न हो गया है. वहीं, सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में पानी की दिक्कत आ रही है. इन इलाकों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जतन कर रहे हैं. वहीं, आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के गांवों में पानी की चोरी भी हो रही है. गांव में पानी स्टोर कर रहे ग्रामीणों ने अपने-अपने ड्रम में अब ताले जड़ दिए हैं. क्योंकि पानी लाने के लिए इन्हें करीब 3 किलोमीटर दूर जाना होता है. दरअसल, बैलगाड़ी पर ड्रम में पानी भर कर ला रहे लोग, झाबुआ जिले के झोंसर गांव के रहने वाले हैं. सुबह होते ही घर के लिए इन्हें पानी की चिंता सताने लगती है. सुबह ग्रामीण पानी लाने की जुगत में जुट जाते हैं. गांव के लोग परिवार के कुछ सदस्यों के साथ ड्रम लेकर पानी लाने निकल जाते हैं. उसके बाद गांव लौटते हैं. ग्रामीण पानी लाने के लिए गांव से हर दिन 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाते हैं. वहां से प्लास्टिक के ड्रम में पानी भरकर लाते हैं. जल संकट के बीच गांव में पानी की चोरी भी हो रही है. पानी लाने के बाद ग्रामीण दरवाजे के बाहर ही इसे रखते हैं. लेकिन चोरी की घटनाओं के बाद से ग्रामीण प्लास्टिक के ड्रम में ताला जड़ दिया है. क्योंकि उनकी मेहनत पर पानी न फिर जाए. बता दें की इस बारें में ग्रामीणों ने कहा है कि संपूर्ण पंचायत में पानी की किल्लत है. इसलिए कभी-कभी पानी की चोरी हो जाती है. इसलिए हम लोग ड्रम में ताला बंद रखते हैं. हम सभी 3 किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं. इस विषय पर झाबुआ पीएचईडी विभाग के अधिकारी एनएस भिड़े ने कहा कि वहां पावर और हैंड पंप है. हम जल जीवन मिशन के तहत आगे की व्यवस्था करेंगे. गर्मी के दिनों में जल स्तर नीचे चला जाता है, इसलिए ग्रामीण पानी की समस्या का सामना करते हैं. अगर हैंड पंप काम नहीं कर रहे हैं, तो हम उनकी मरम्मत करवाएंगे. भयानक हादसा: सहारनपुर में देखते ही देखते ख़ाक में मिल गए लोगों के आशियाने उज्जैन में 10 आरक्षक समेत 15 कोरोना पॉजिटिव निकले, 629 पहुंची संक्रमितों की संख्या भोपाल में 23 नए कोरोना मरीज मिले, अब तक 52 लोगों ने गवाई जान