नई दिल्ली: ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा बीते कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में रहे हैं, राहुल गांधी जितना चाहते थे उससे कहीं ज्यादा। निराशाजनक और तेज़ चुनावी मौसम के बीच, सैम पित्रोदा कांग्रेस के घोषणापत्र और योजनाओं के बारे में अपने बयानों के साथ चर्चाओं में बने हुए हैं। सबसे पहले, पित्रोदा ने विरासत टैक्स लागू करने की बात कहकर विवाद खड़ा किया, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी को खुद इस बयान से पल्ला झाड़ना पड़ा। पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स है, जहाँ आदमी के मरने के बाद उसकी 55 फीसद संपत्ति पर सरकार कब्ज़ा कर लेती है, इसलिए भारत में भी यह होना चाहिए। हालाँकि, भारत में ये चीज़ 1984 तक थी, 1985 में राजीव गांधी सरकार ने इंदिरा गांधी की संपत्ति को अपने पास ही रखने के लिए इस कानून को ख़त्म कर दिया था। पहले, संपत्ति शुल्क अधिनियम 1953 के तहत, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति पर विरासत टैक्स 85% तक जा सकता था। दरें तय की गईं थीं, 20 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति पर 85% टैक्स लगाया गया था। इसके बाद पित्रोदा ने 'दक्षिण भारतीय अफ्रीकी की तरह दिखते हैं', पूर्व के चीनियों की तरह, पश्चिम के अरब की तरह, उत्तर के लोग अंग्रेज़ों की तरह, वाला बयान दिया, जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई और पित्रोदा को ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। हालाँकि, पित्रोदा से पहले कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने विवादों को जन्म देने वाला बयान दिया था, लेकिन पित्रोदा की आड़ में वो छुप गया। दरअसल, मणिशंकर अय्यर का एक 3 हफ्ते पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर घूम रहा है, जिसमे वे कहते दिख रहे हैं कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि 'उनकी भी इज्जत है।' हालाँकि, अय्यर ने ये नहीं बताया कि, पड़ोसी मुल्क के ऐसे कौन से अच्छे काम हैं, जिसको लेकर उसकी इज्जत की जाए, वो हमेशा भारत के खिलाफ साजिशें ही करते रहता है और अपने जन्म से लेकर आज तक हज़ारों भारतीयों का कातिल रहा है। बहरहाल, अय्यर पाकिस्तान के इज़्ज़त होने के अपने दावे को विस्तार से बताते हुए कहते हैं कि उनके पास 'परमाणु बम' हैं। इसके बाद उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार की पाकिस्तान से बात न करने की नीति बहुत जोखिम भरी है, क्योंकि 'कुछ पागल नेता' अपमान से पागल हो जाएंगे और लाहौर के अंदर अपने बम विस्फोट कर सकते हैं। यदि लाहौर में परमाणु बम विस्फोट हो जाता है क्योंकि पाकिस्तान में कोई पागल नेता परमाणु आत्महत्या कर लेता है, तो इसका विकिरण मिनटों में अमृतसर तक पहुंच जाएगी। वैसे देश की जनता एक मजबूत सेना चाहती है, लेकिन अय्यर का कहना है कि भारत को अपनी सैन्य ताकत नहीं बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि, ''भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए और अपनी सैन्य ताकत नहीं बढ़ानी चाहिए क्योंकि इससे इस्लामाबाद नई दिल्ली के खिलाफ परमाणु हथियार तैनात करने के लिए परेशान हो सकता है।'' अय्यर ने आगे कहा कि "अगर हम उनका सम्मान करते हैं, तो वे शांतिपूर्ण रहेंगे। लेकिन अगर हम उनका तिरस्कार करते हैं, तो क्या होगा यदि कोई 'पागल' आकर (भारत पर) बम फेंकने का फैसला करता है?" मजे की बात तो ये है कि पाकिस्तानी नेता भी अक्सर यही दावा करते हैं। वे भी यही कहते हैं कि दुनिया के हर देश, विशेषकर भारत को उनकी इज्जत करनी चाहिए, क्योंकि उनके पास परमाणु बम हैं। शेख रशीद अहमद नाम के एक पूर्व पाकिस्तानी मंत्री ने तो यहां तक दावा किया था कि ''उनके पास हिंदू-विशिष्ट परमाणु बम हैं, जो विस्फोट होने पर भारत में मुसलमानों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।'' रशीद ने ये भी कहा था कि, 'अगर पाकिस्तान भड़क गया, तो भारत के मंदिरों में कोई घंटी बजाने वाला नहीं बचेगा।' अब इन सबके बाद भी मणिशंकर अय्यर कह रहे हैं कि, उसकी इज्जत करना चाहिए, तो उन्होंने कुछ सोचा होगा। मणिशंकर अय्यर शायद यह भूल गए कि पाकिस्तान को बहुत अधिक इज्जत देने की UPA सरकार की नीति के कारण 26/11 आतंकी हमला हुआ था और उसके बाद भारत ने पलटवार में कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि सेना ने खुद पलटवार करने का प्लान तैयार कर अनुमति मांगी थी। यह वीडियो 3 हफ्ते पहले का बताया जा रहा है, हालाँकि ऐसा लगता है कि यह सोशल मीडिया की चर्चा से बच गया है, क्योंकि सैम पित्रोदा ने अय्यर से लाइमलाइट छीन ली । हालाँकि, मणिशंकर अय्यर अतीत में भी '(मोदी) नीच आदमी' उसे हटाइए, हमको ले आइए' जैसे बयान दे चुके हैं। कुछ ही दिन पहले कांग्रेस को पाकिस्तान के पूर्व मंत्री नेता फवाद चौधरी का समर्थन मिलने पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था । वे चाहें या न चाहें, उनकी गतिविधियाँ और बयान कहीं न कहीं पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। और पाकिस्तान की तरह कांग्रेस भी मोदी से नफरत करती है. मणिशंकर अय्यर एक बहुत पुराने कांग्रेसी हैं। उनका हमेशा से पाकिस्तान के प्रति एक अजीब सा लगाव रहा है। पेरिस पर हुए आतंकी हमले को भी मणिशंकर अय्यर ने जायज ठहराया था, उन्होंने कहा था कि फ्रांस ने हिजाब पर बैन लगाया है, इसलिए इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने ये हमला किया है। साथ ही अय्यर पाकिस्तान जाकर मोदी को हटाने के लिए मदद भी मांग चुके हैं। पाकिस्तान भी चाहता है कि, धारा 370 वापस लागू हो और उसे कश्मीर में घुसने की खुली छूट मिले, वहीं कांग्रेस भी खुलकर 370 हटने का विरोध करती है और सत्ता में आने पर उसे वापस लागू करने की बात भी कहती है। इससे पहले INDIA गठबंधन के सदस्य, फारूक अब्दुल्ला भी ऐसा ही बयान दे चुके हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भारत को धमकाते हुए पाकिस्तान की परमाणु ताकत याद दिलाई थी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि, "याद रखें, उन्होंने (पाकिस्तान) भी चूड़ियां नहीं पहनी हैं। उसके पास परमाणु बम हैं और दुर्भाग्य से वह परमाणु बम हम पर गिरेगा।" बता दें कि, भारत ने तो 1947 में ही अपनी 33 फीसद जमीन और उस समय अपने ख़ज़ाने में मौजूद 155 करोड़ रुपए में से लगभग आधे 75 करोड़ रुपए पाकिस्तान को दे दिए थे। 20 करोड़ की पहली किश्त मिलने के बाद ही उसने कबाइलियों को भेजकर कश्मीर पर आक्रमण कर दिया था, जिसके बाद भारत ने 55 करोड़ की दूसरी किश्त रोक दी, लेकिन गांधी जी आमरण अनशन पर बैठ गए, और भारत को कश्मीर का हिस्सा गंवाने के बावजूद दूसरी किश्त देनी पड़ी। इसके बावजूद भारत ने कभी आगे होकर पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, हर बार संघर्षविराम का उल्लंघन वहीं से होता आया है। वैसे तो आज़ाद भारत की जनसँख्या लगभग 34 करोड़ थी, वहीं पाकिस्तान की 7 करोड़, इस हिसाब से उसे देश के ख़ज़ाने का आधा हिस्सा नहीं दिया जाना था, लेकिन फिर भी उस समय के राजनेताओं ने कुछ सोचकर फैसला लिया होगा। लेकिन भारत को क्या मिला ? आतंकवाद, कट्टरपंथ, जिहाद, क्या इसी के लिए पाकिस्तान की इज्जत की जानी चाहिए अय्यर साहब ? इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार में आरोपी बनेगी कोई पार्टी ! AAP के खिलाफ शराब घोटाले में चार्जशीट दाखिल करेगी ED डोप टेस्ट से इनकार करने पर यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने बजरंग पुनिया को किया निलंबित '4 जून को INDIA गठबंधन की सरकार बनेगी, 15 अगस्त को 30 लाख रोज़गार..', राहुल गांधी का ट्वीट