भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते साल 9 दिसंबर 2017 से लेकर 29 दिसंबर 2017 तक व्यावसायिक परीक्षा मंडल पीईबी ने पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। इसमें 9 हजार पदों के लिए 12 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी इसमें 9 दिसंबर की पहली पाली यानि सुबह 9 से 11 बजे वाले समय में जो 8 हजार परीक्षार्धी परीक्षा नहीं दें पाए थे इन परीक्षार्थियों को तकनीकी खामियों की वजह से परीक्षा से बाहर कर दिया गया था. दरअसल, पटवारी परीक्षा में अभ्यर्थी अंगूठे के निशान का मिलान नहीं होने से इसमें शामिल होने से वंचित रह गए थे.इस संबंध में कुछ अभ्यर्थी न्यायालय भी पहुंच गए थे। यहां उनका तर्क था कि अगर उनका थंब इंप्रेशन या फिंगर प्रिंट सत्यापन नहीं हो रहा है तो इसमें उनकी क्या गलती है.उन्हें परीक्षा में शामिल होने से कैसे रोका जा सकता है। इस संबंध में उन्होंने पीईबी में भी आवेदन किया था.इसके बाद पीईबी ने उनकी अलग से परीक्षा कराने का निर्णय लिया था. इसके बाद 21 दिसंबर से 29 दिसंबर की परीक्षा तिथि में वंचित रह गए छात्रों को वापस बैठने का मौका दिया गया था। बोर्ड ने वापस से इन परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र जारी किए थे, ताकि दिक्कतें नहीं आए।वहीं परीक्षा के दौरान करीब 125 ऐसे परीक्षार्थी मिले थे, जिन्हें अनुचित साधनों (अनफेयर मीन्स) में शामिल माना गया है। अब इन पर फैसला पीईबी की निराकरण समिति को करना है। इसी के चलते परिणाम फरवरी में नहीं आ पाएगा। अब मार्च के दूसरे सप्ताह में ही परिणाम आने की उम्मीद है। किसानों के हित में शिवराज की आपात बैठक देश हुआ शिवमय, महांकाल उत्सव समिति की शिव की शाही बारात मौसम बना सीएम शिवराज के लिए परेशानी का सबब