आंध्र प्रदेश: राजधानी अमरावती के लिए दो टुकड़ों में टुटा बीजेपी

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश में अमरावती को लेकर भारतीय जनता पार्टी में फूट हो चुकी है. जी दरअसल हाल ही में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष कन्ना लक्ष्मी नारायण ने राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को पत्र लिखा है. उस पत्र में उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस सरकार के राज्य में तीन राजधानी बनाने वाले बिल को नामंजूर करने के बारे में कहा है. वहीं कुछ सांसदों के साथ भाजपा नेताओं का एक प्रभावशाली समूह तेलुगु देशम पार्टी की तरह ही अमरावती को एकमात्र राजधानी बनाने के लिए मांग कर रहा है.

इसके अलावा कुछ पार्टी सदस्य ऐसे भी है जिन्होंने कहा है कि यह पार्टी की संभावनाओं को प्रभावित करेगा. अमरावती का विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि 'बीजेपी, तत्कालीन टीडीपी सरकार में अमरावती और उसके आस-पास रियल एस्टेट में कथित की गई अनियमितताओं की जांच के साथ-साथ विकेंद्रीकृत विकास की मांग कर रही है.' वहीं कुछ नेता ऐसे हैं जिनका कहना यह है कि यह मांग बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है. आपको हम यह भी बता दें कि बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता और राज्य रणनीति समिति के सदस्य का कहना है कि, 'हमने विकेंद्रीकृत विकास के लिए अभियान चलाया था. पिछले दिनों रायलसीमा क्षेत्र के कुरनूल में एक हाई कोर्ट स्थापित करने की भी मांग की थी. अमरावती में केंद्रीकृत राजधानी का समर्थन करने से बीजेपी उत्तर आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में प्रभावित होगी, जहां वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार कार्यकारी राजधानी और न्यायिक राजधानी बनाने का प्रस्ताव कर रही है.'केंद्र के खिलाफ क्यों जा रही राज्य बीजेपी?'

वहीं अमरावती को एकल राजधानी बनाए रखने की मांग करने वाले नारायण का उल्लेख करते हुए, वाईएसआर कांग्रेस के महासचिव और राज्य सरकार के सलाहकार, सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने भी बात की है. हाल ही में उन्होंने कहा, 'भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की राजधानी तय करना राज्य सरकार का काम है. हम यह समझने में असफल हैं कि राज्य भाजपा इकाई केंद्रीय पार्टी के फैसले से अलग रुख क्यों अपना रही है?'

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