भोपाल: मध्य प्रदेश में पटवारियों की नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर सियासत गरमा रखी है। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप-2, सब-ग्रुप-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज राजेंद्र कुमार वर्मा को समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'भर्ती परीक्षा से संबंधित शिकायतों की जांच माननीय रिटायर जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा करेंगे। जांच के निष्कर्षों के आधार पर, उचित सिफारिशें 31 अगस्त, 2023 तक प्रदेश सरकार को प्रस्तुत की जाएंगी।' मुख्यमंत्री ने कहा कि कमेटी की क्लीन चिट के पश्चात् ही पोस्टिंग होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया है कि वह दोपहर में छात्रों से वर्चुअली बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, 'मेरे प्रिय भांजे और भांजियों, आज ठीक 12 बजे आपसे मिलने आ रहा हूं।' मुख्यमंत्री ने यह ऐलान कांग्रेस एवं नेशनल यूथ एजुकेटिड यूनियन द्वारा 25 जुलाई को जांच CBI को सौंपने के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने के ऐलान के पश्चात् किया। 10 जुलाई को परीक्षा की मेरिट सूची घोषित होने के पश्चात्, आरोप लगाए गए कि 10 में से 7 टॉपर एक केंद्र- एनआरआई कॉलेज से निकले, जिसका स्वामित्व बसपा MLA संजीव कुशवाह के पास है, जो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए थे। चारों टॉपर मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील से हैं। इसी प्रकार एक टॉपर के बुनियादी सवालों का जवाब न दे पाने के बाद उसकी बुद्धिमत्ता पर भी सवाल खड़े हो गए। ADR की रिपोर्ट में देश के सबसे अमीर विधायक का खुलासा, 1400 करोड़ से अधिक की है 'घोषित' संपत्ति 19 साल छोटी लड़की के साथ दो बच्चों के पिता ने की शर्मनाक हरकत, अब कोर्ट ने दी ये सजा जमीन के लिए बेटे ने जिंदा मां को कागजों में मार दिया, चौंकाने वाला है मामला