भोपाल: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्या ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। जस्टिस आर्या अप्रैल 2024 में रिटायर हुए थे तथा हाईकोर्ट के सबसे चर्चित जजों में से एक रहे हैं। उन्होंने 2021 में स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिससे वे बहुत ख़बरों में आए थे। जस्टिस आर्या ने 2021 में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी एवं नलिन यादव को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के एक मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया था। अपने आदेश में उन्होंने बताया था कि संविधान के तहत सद्भाव एवं भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है। हालांकि, बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए मुनव्वर फारूकी को जमानत दे दी थी। जस्टिस रोहित आर्या अपने विवादास्पद बयानों के लिए भी लोकप्रिय रहे हैं। उनकी बेंच की सुनवाईयों में अक्सर कड़े तथा स्पष्ट शब्दों का इस्तेमाल होता था। रेत के अवैध खनन के एक मामले की सुनवाई के चलते उन्होंने माइनिंग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को सख्त लहजे में कहा था, "तुम चपरासी बनने के लायक नहीं हो, तुम्हें अधिकारी किसने बना दिया।" इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्या? रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्या ने बीए एवं LLB की डिग्री हासिल की है। उन्होंने उच्च न्यायालय में 29 वर्षों तक अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस की है। उन्हें 16 सितंबर 2013 को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश और 26 मार्च 2015 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। अकाल तख्त ने की स्वर्ण मंदिर में 3 खालिस्तानी चरमपंथियों की तस्वीर लगाने की मांग, क्या होगा SGPC का रुख ? कैंसर से जूझ रहे टीम इंडिया के पूर्व कोच, मदद के लिए आगे आया BCCI 46 साल बाद खुल रहा है महाप्रभु जगन्नाथ का भंडार, ASI- RBI सहित सपेरे भी तैनात