दुबई: हमारे देश से हर साल लाखों की संख्या में मजदुर खाड़ी देशों में काम करने के लिए जाते हैं, लेकिन वह रह रहे भारतियों के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी में कहा गया है कि पिछले छह सालों में हर रोज लगभग 10 भारतीयों की खाड़ी देशों में मारे गए हैं. साल 2012-2017 के बीच देश को विश्वभर से जो धनराशि हासिल हुई उसमें खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीयों का योगदान पचास प्रतिशत से अधिक है. वैज्ञानिकों ने देखा ब्रह्मांड में हंसता हुआ चेहरा विदेश मंत्रालय ने 26 अगस्त 2018 को राज्यसभा में कहा था कि वर्ष 2017 में छह खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों की संख्या 22.53 लाख के आसपास थी. कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के वेंकटेश नायक ने विदेश मंत्रालय से बहरीन, ओमान, कतर, कुवैत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में एक जनवरी 2012 से मध्य 2018 तक हुई भारतीय मजदूरों की मौत का ब्योरा मांगा था, जिसमे ये जानकारी मिली थी. अमेरिका में आज मध्यावधि चुनाव, फेसबुक इंस्टाग्राम ने ब्लॉक किए विवादित पेज नायक ने बताया कि खाड़ी देशों से उपलब्ध कराया गया ब्योरा संकेत देता है कि 2012 से मध्य 2018 तक छह खाड़ी देशों में कम से कम 24570 भारतीय मारे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगर कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात के समूचे आंकड़े उपलब्ध होते तो मौतों की संख्या ज्यादा होती. मौजूदा आंकड़ों का औसत बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 6 सालों में खाड़ी देशों रोज़ाना औसतन 10 भारतीय मजदूरों कोई मौत हुई है, हालांकि उन्होंने मौत के कारण स्पष्ट नहीं किए. खबरें और भी:- अमेरिकी प्रतिबंधों पर भड़का ईरान , बोला- युद्ध जैसे हालत न बनाये अमेरिका WHO की रिपोर्ट में भयावह खुलासा, दुनिया के शीर्ष 20 प्रदूषित शहरों में से 13 भारत के देश के साथ विदेश में भी अच्छी खासी कमाई कर रही है 'बधाई हो'