सेहत के लिए आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है. सेहत की देखभाल के लिए आप पौष्टिक आहार भी खाना होता है जो आपको नुकसान न पहुंचाए. पुराने समय में खाने पर विशेष ध्यान दिया जाता था. हमारे पूर्वज कंद-मूल-फल खाकर ही शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक दृष्टि से काफी पुष्ट रहा करते थे. इससे उनकी सेहत काफी दुरुस्त रहती थी. इतना ही नहीं आपको बता दें, खाने की चीज़ें सही हो इतना ही काफी नहीं है बल्कि उसे पूरी तरह पकाना भी पड़ता है जिससे आपको पौषक तत्व मिल सके. * आवश्यकता से अधिक तापन अर्थात अधिक उबालने, भापने, तलने, भूनने, सेंकने आदि से तब तक चना चाहिए जब तक कि बहुत आवश्यकता न हो. * अधिक पानी में पकाना और फिर उस पानी को फेंक देने से भी अत्यधिक पौष्टिक तत्वों की हानि होती है जैसे-चावल से मॉड को पसाना, सब्जियों को उबालकर उस पानी को फेंक देना आदि. * खाना बनाने में नमक, मिर्च, मसालों आदि का अधिक अर्थात जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी भोजन को खराब कर देता है. * आवश्यकता से अधिक तेल, घी आदि के इस्तेमाल से स्वास्थ्य तो खराब होता ही है, साथ ही ये वस्तुएं बिना वजह बर्बाद भी होती हैं. * उच्च ताप पर भोजन पकाने से भोजन के पौष्टिक तत्व तो नष्ट होते ही हैं, साथ ही ईंधन की बर्बादी भी होती है. अत: भोजन को कम आंच पर ही पकाया जाना चाहिए. आपके स्वास्थ के लिए जरुरी है रोजाना इतने घंटो की नींद खांसी को जड़ से ख़त्म करता है मुलेठी का सेवन सेहत के लिए लाभकारी होता है 'सीताफल'