नई दिल्ली. खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस इस वक्त खत्म होने की कगार पर है. अब ये आतंकी संगठन एक छोटे से क्षेत्र में सिमटकर अपने वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है और चारों तरफ से स्थानीय सुरक्षाबलों से घिर चुका है. अमरीका का कहना है कि कभी 110 देशों के करीब 40,000 लड़ाकों के साथ कहर बरपाने वाला आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट अब अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है और ईराक तथा सीरिया के अनेक हिस्सों पर उसका नियंत्रण खत्म हो चुका है. ईराक का करीब 78 फीसदी क्षेत्र कभी उनके कब्जे में था पर अब मुक्त हो चुका है और इसी तरह सीरिया के करीब 58 फीसदी क्षेत्र पर से उनका नियंत्रण खत्म हो गया है. कुछ लोगों का ये मानना है कि आईएस का या तो पूरी तरह से खात्मा किया जा चुका है या फिर दोनों देशों और इस क्षेत्र में हो रहा खून खराबा अंतिम पड़ाव पर है. करीब 50 लाख लोग आईएसआईएस के नियंत्रण में रह रहे थे लेकिन अब वह लोग खुली हवा में सांस ले रहे हैं. गठबंधन सेना ने जमीन पर सफल अभियान चलाकर उन्हें मुक्त करा लिया है. इस्लामिक स्टेट का उदय जून 2014 में इस्लामिक स्टेट ने इराक के शहर मोसूल पर अपना कब्जा जमाया. यहां आईएसएआईस चीफ अबू बकर अल-बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया. जिसकी दहशत से पूरा इलाका कांप उठा था. इसके बाद ये लोगो पर अत्याचार करने लगे. ये यजीदी समुदाय के लोगों की हत्या करते थे, महिलाओं और लड़कियों को अपहरण कर उन्हें सेक्स गुलाम बनाने लगे. आईएस ने विदेशी लड़ाकों को भी अपनी ओर आकर्षिक किया, आईएसआईएस ने इराक और सीरिया में अपना विस्तार किया और उसके कई शहरों पर अपना कब्जा जमाया. जिसके बाद इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई. आईएसआईएस का पतन अमेरिका ने अगस्त 2014 में आईएसआईएस लड़कों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए और एक महीने बाद सीरिया में कार्रवाई शुरू की. अमेरिका की तरफ से किए गए करीब दस हजार से ज्यादा हवाई हमलों के बाद इन सुरक्षाबलों ने इस दौरान इनके गढ़ से एक के बाद एक इन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. लेकिन, आईएस को सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा जब इराक में आईएस का मुख्य गढ़ माना जाने वाला मोसूल उससे मुक्त करा लिया गया. जबकि, सीरिया में आईएसआईएस उस वक्त पीछे हटने पर मजबूर हुआ जब सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स यानि एसडीएफ और रूस समर्थित सीरियाई सुरक्षा बलों ने अलग-अलग लेकिन बेहद घातक हमले कर इनकी कमर तोड़ दी. फतवा: सोशल साइट्स पर फोटो शेयर करना हराम सैनिटरी पैड के एड में अब नीले धब्बे नहीं, दिखाया गया ख़ून दीपावली की खुशियों में पड़ सकती है खलल, हो सकती हैं बारिश