ऋषि पंचमी के दिन करें इन मन्त्रों का जाप, जानिए पूजन विधि

आप सभी को बता दें कि आज भाद्रपद की पंचमी तिथि है यानी आज ऋषि पंचमी है और इस दिन का व्रत रखने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. ऐसे में कहते हैं ऋषि पंचमी महिलाओं के लिए अटल सौभाग्यवती व्रत माना जाता है और इस व्रत को करने के दौरान अगर महिलाएं गंगा स्नान कर लें तो उसका फल कई सौ गुणा बढ़ जाता है. इसी के साथ इस दिन देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जाती है लेकिन पंचम तिथि को सप्तऋषियों की पूजा की जाती है. ऐसे मान्यता है कि यह व्रत अगर दिल से किया जाए तो जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं.

ऋषि पंचमी व्रत का महत्‍व - कहते हैं अगर किसी स्त्री से कोई पाप या गलत काम कर दिया हो और वह उसका परिणाम भुगत रही हो, तो वह आज के दिन यानि ऋषि पंचमी के दिन व्रत रख उस पाप से मुक्ति पा सकती है. इसी के साथ सुहागिन महिलाएं अगर यह व्रत रखें तो उन्‍हें मनचाहा फल प्राप्त होता है.

ऋषि पंचमी पूजा में इन मंत्रों का जाप -  कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:. जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:.. गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा..

ऋषि पंचमी व्रत पूजा विधि- इसके लिए ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं सूर्य निकलने से पहले स्नान करें. इसके बाद वह मंदिर में चौक बना कर सप्तऋषि की प्रतिमा बनाएं. अब कलश स्थापना करें और घी, धूप-दीप जलाकर, फल आदि का भोग लगाएं. इसके बाद महिलाएं अनाज न खाए. इसी के साथ इस दिन गंगा स्नान का भी महत्व है और ऋषि पंचमी को भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि माहेश्वरी समाज में राखी इसी दिन बांधते हैं. 

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