डिलीवरी के बाद बढ़ सकता है वजाइनल इन्फेक्शन का खतरा, इन बातों का रखें ध्यान

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का शरीर अनेक शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुजरता है। हालांकि, डिलीवरी के बाद वजाइनल हेल्थ पर ध्यान देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। डिलीवरी के बाद वजाइना में कई बदलाव आते हैं, जिससे यह अधिक संवेदनशील हो जाती है और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं, जिनसे आप अपनी वजाइनल हेल्थ को बनाए रख सकती हैं:

साफ-सफाई का ध्यान रखें डिलीवरी के बाद शुरुआती दिनों में महिलाओं को ब्लीडिंग होती है, जो सामान्यतः 4 से 6 सप्ताह तक रहती है। इस दौरान पैड को समय-समय पर बदलना और योनि की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। हाइजीन की कमी से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

गुनगुने पानी से सिंकाई डॉक्टरों के अनुसार, टांकों की तेजी से ठीक होने के लिए दिन में दो बार गुनगुने पानी से सिंकाई करनी चाहिए। सिंकाई के बाद, डॉक्टर की सलाह से एंटीऑक्सीडेंट क्रीम का उपयोग करें।

ढीले कपड़े पहनें टाइट कपड़े स्किन इन्फेक्शन और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। पोस्ट डिलीवरी के शुरुआती महीनों में ढीले कपड़े पहनना बेहतर होता है, ताकि वजाइनल हेल्थ पर दबाव न पड़े।

सही तरीके से बैठें नॉर्मल डिलीवरी में वजाइना में एक चीरा लगाया जाता है। इस चीरे की सही देखभाल के लिए, आरामदायक गद्दे पर बैठें और बैठने के दौरान टांकों पर दबाव से बचें। डॉक्टर की सलाह का पालन करें।

यूरिन करने के बाद सफाई पेशाब के बाद वजाइना को हल्के गुनगुने पानी से साफ करें और मुलायम तौलिये से सुखाएं। ऐसा न करने पर बैक्टीरियल ग्रोथ हो सकती है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

डॉक्टर से संपर्क कब करें अगर डिलीवरी के बाद अत्यधिक ब्लीडिंग हो या वजाइनल डिस्चार्ज में गंदी स्मैल आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इन स्थितियों को नजरअंदाज करना वजाइनल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है।

इन उपायों का पालन करके आप अपनी वजाइनल हेल्थ को बनाए रख सकती हैं और संभावित समस्याओं से बच सकती हैं।

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