दिल्ली में जल्द ही विधानसभा होने है जिसमें आम आदमी पार्टी से भाजपा, कांग्रेस और अन्य दल मुकाबला कर रहे है. लेकिन भाजपा, कांग्रेस के अलावा अन्य कई दल अपना भाग्य आजमा रहे है. बता दे कि दिल्ली विधानसभा की सात सीटों पर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे राज्य के तीनों दलों को जीतने के लिए अपनी ताकत पर ही भरोसा करना होगा. क्योंकि भाजपा और कांग्रेस ने क्रमश: जदयू, लोजपा और राजद के लिए ऐसी ही सीटें छोड़ी हैं, जिनपर पिछले चुनावों में उनकी लगातार हार हुई थी. सात में से पांच सीटें 2008 में सृजित हुई हैं. राम मंदिर : संतों के संकल्प में नजर आया भविष्य का भारत, पाकिस्तान को भी दिया संदेश पिछले दो चुनावों में दोनो दलों का इन सीटों पर खाता नहीं खुला. लेकिन इससे पहले इन सीटों पर कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा की जीत हुई. लोजपा को दी गई सीमापुरी सीट पुरानी है. इसपर सिर्फ 1993 में भाजपा की जीत हुई थी. दिल्ली विधानसभा के लिए अबतक छह चुनाव हुए हैं. 2020 का चुनाव सातवां है.पालम और सीमापुरी का वजूद पहली विधानसभा से ही है. सीमापुरी के छह चुनावों का हिसाब यह है कि तीन बार कांग्रेस, दो बार आप और एक बार भाजपा की जीत हुई. UP Cabinet Approved : शराब का सेवन करने वालों की मौज शुरू, सरकार की नई नीति से फायदा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जदयू और राजद के बीच मुकाबले की सीट बनी बुरारी 2008 में वजूद में आयी.पहले चुनाव में भाजपा जीती. अगले दो चुनावों में आप की जीत हुई. कांग्रेस ने राजद के लिए यह सीट छोड़ी है, इसपर उसकी कभी जीत नहीं हुई. जदयू को दी गई दूसरी सीट संगम विहार है.2008 में भाजपा टिकट पर पहली बार जीते डा. शिवचरण लाल गुप्ता 2020 के चुनाव में जदयू के उम्मीदवार बने हैं. डा. गुप्ता 2013 और 2015 का विधानसभा चुनाव हार गए थे. माना जा रहा है कि भाजपा ने जदयू को सीट के साथ उम्मीदवार भी दे दिया. दिल्ली विधानसभा चुनाव: बदल गया इतिहास, पहली बार रिकॉर्ड तोड़ नामांकन गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के नेताओं को एक साथ घेरा, कहा-वोट बैंक के लोभी... PMC बैंक घोटाला: हाई कोर्ट ने RBI को भेजा नोटिस, सुनवाई में रखना होगी अपनी दलील