महागठबंधन ने बिहार चुनाव जीतने के लिए उठाया बड़ा कदम

 

बिहार में नियोजित शिक्षकों को लेकर साल से जारी राजनीति अभी भी जारी है. सत्ता पक्ष और विपक्ष शिक्षकों के मामले पर एक दूसरे पर जमकर हमला कर रहे हैं. ताजा केस बिहार में विगत दिनों शिक्षकों के लिए लागू होने वाले सेवा शर्त से जुड़ा है. बता दें कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को नियोजित शब्द से अलग करते हुए उन्हें सेवा शर्त से जोड़ने का घो​षणा किया था. इसके पश्चात विपक्ष ने गवर्नमेंट पर हमला बोला है. RJD कह रही है कि अगर उनकी गवर्नमेंट बनी तो बिना शर्त शिक्षकों की सभी मांगें मान लेंगे.  

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आरजेडी के दो नेता इस मामले पर अलग-अलग तरीके से प्रदेश सरकार पर हमला बोल रहे है. पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम कहते हैं कि अगर राज्य में अगली गवर्नमेंट हमारी पार्टी की आई, तो हम लोग बिना शर्त इन शिक्षकों की तमाम मांगों को मान लेंगे. वहीं पूर्व मंत्री श्याम रजक कहते हैं कि प्रदेश सरकार शिक्षकों और दूसरे नियोजित कर्मचारियों में भेदभाव करती है, जो नहीं होना चाहिए.

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बता दे कि विपक्ष के इन नेताओं का हमले का जवाब जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी के नेता भी बेबाकी से देते हैं. जेडीयू नेता अजय आलोक ने बताया कि अब इन लोगों के लाठी पीटने से कुछ होने वाला नहीं. हमारी सरकार ने सदैव शिक्षकों की भलाई सोची और उसी के तहत नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली लाने का काम किया है. इसी के तहत नियोजित शब्द को खत्म भी किया गया है. जहां तक बात रही नियोजित शिक्षकों को सेवा शर्त के साथ जोड़ने की तो यह नियमावली तो दूसरे विभागों में भी है. 

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