नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में हुई व्यय वित्त समिति की बैठक में फैसला लिया गया है कि, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से आश्रम तक रिंग रोड के 'उन्नयन' के लिए 15 करोड़ रुपये मंजूर किये जाये. ये बैठक सोमवार को हुई. लगातार सवालों से घिरी दिल्ली सरकार का ये निर्णय तब आया है, जब राज्य में हर कही सरकार पर काम न करने के इल्जाम लग रहे है. बिजली, पानी, सड़क जैसी मुलभुत सुविधाओं के आलावा प्रदूषण पर्यटन, यातायात और कर्ज जैसे मुद्दों पर सरकार लगातार घिरती नज़र आ रही है. पडोसी राज्यों से सरकार के रिश्ते भी सुगम नहीं है. कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं भी सरकार के काम-काज की निंदा कर रिपोर्ट कार्ड मांग रही है. वही विपक्ष सरकार को हर सापेक्ष में असफल बता रहा है. ऐसे में सरकार फिर से उठ खड़े होने के लिए जनता को मुलभुत सुविधाओं और अन्य बड़ी समस्याओं से निपटने का आश्वासन दे रही है. ऐसे में रिंग रोड बनाने का ये फैसला जनता को काम दिखाने के मकसद से लिया गया माना जा रहा है. प्रदूषण कि मुद्दे पर सरकार आज तक रोड मैप नहीं बना पाई है. दिल्ली में प्रदुषण विश्व स्तर पर देश कि साख का मुद्दा बन गया है. यहाँ क्लिक करे क्या फिर बदलेंगे 200 -50 के नोट ? जदयू का राष्‍ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में किस जिले को मिला एनसीआर का दर्जा ? प्राइवेट कैब कंपनी उबर और रेप पीड़िता में समझौता