सूचना एवं तकनीक के विकास से शिक्षा में भी निरंतर बदलाव आ है, पहले प्राथमिक शिक्षा के लिए बच्चों को स्लेट और प्लेम का उपयोग करना पड़ता था फिर हाथ में कॉपी व पेन और अब बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन और टेबलेट होने लगे हैं और अब वह दिन दूर नहीं जब बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में शिक्षकों की नहीं बल्कि रोबोट की भर्ती होगी. फिनलैंड के एक प्राइमरी स्कूल में ऐसा ही पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, जहां बच्चों को एक रोबोट भाषा सिखा रहा है. भाषा सिखाता रोबोट इससे मिलिए, ये है एलियास. जो बतौर लैंग्वेज टीचर बच्चों को फिनलैंड के स्कूल में पढ़ा रहा है. यह बच्चों के सवालों का आराम से जवाब देता है ताकि किसी को सवाल पूछने में कोई शर्म या झिझक न हो. यह लैंग्वेंज पढ़ाने वाली मशीन एक ह्यूमनाइड रोबोट और मोबाइल ऐपलिकेशन है. यह उन चार रोबोटों में से एक है जिसे इस पायलट योजना के तहत तैयार किया गया है. 23 भाषाओं का ज्ञान यह रोबोट 23 भाषाएं बोल और समझ सकता है. साथ ही इसके अंदर लगा सॉफ्टवेयर इसे बच्चों की जरूरतों के बारे में बताता है ताकि पढ़ाई को लेकर वह इन्हें प्रोत्साहित कर सके. हालांकि इस ट्रायल प्रक्रिया में फिलहाल यह अंग्रेजी, जर्मन और फिनिश भाषाओं में काम कर रहा है. रिपोर्ट कार्ड भी तैयार इस रोबोट की खास बात यह है कि ये बच्चों की प्रतिभा और कौशल को पहचान कर उनके स्तर के सवाल उनसे पूछ सकता है. साथ ही शिक्षकों को बच्चों के परफॉर्मेंस का फीडबैक और उनसे जुड़ी सभी संभावित समस्याओं का ब्योरा भी दे सकता है. बच्चे व्यस्त जो शिक्षक पढ़ाने की इस नई तकनीक के साथ काम कर रहे हैं वह इसे बच्चों को पढ़ाने और उन्हें पढ़ाई में व्यस्त रखने की एक नई तकनीक के रूप में देख रहे हैं. शिक्षक मानते हैं कि यह नया पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के साथ-साथ उन्हें काफी सक्रिय भी बना रहा है. साथ ही यह क्लास में बच्चों को कई तरह की गतिविधियों में व्यस्त रखता है. गणित सिखाने वाला रोबोट एलियास के अलावा यह छोटे नीले रंग का नजर आ रहा रोबोट है मैथ्स रोबोट ओव्हीओबॉट. यह नीले रंग की मशीन 25 सेंटीमीटर ऊंची है और एक उल्लू की तरह नजर आती है. इसे भी फिनलैंड की एक कंपनी ने डेवलप किया है. मध्यपूर्व, एशिया और अमेरिका के भी कई स्कूलों में रोबोट का इस्तेमाल पढ़ाने के लिए किया जाता है. बच्चों में अनुशासन रोबोट चाहे कितना कुछ भी सिखा ले लेकिन एक चीज जो वह नहीं कर पाता है वह है कक्षा में अनुशासन बनाए रखना. और, जब बात प्राइमरी कक्षा की हो तो यह और भी अहम हो जाता है. इसलिए फिलहाल ऐसा तो नहीं लगता कि निकट भविष्य में शिक्षकों की नौकरी को खतरा हो सकता है. बुर्ज खलीफा के बाद यह होगी दुनिया की सबसे ऊँची इमारत विज्ञान के लिए ये अभी भी हैं रहस्यमयी चाय की एक चुस्की से विदेशी महिला बनी करोड़पति