शिक्षा के चैत्र में रोबोटिक टेक्नोलॉजी ने रखा कदम, जाने

आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है शिक्षा जगत से जुड़े एक नयी टेक्नोलॉजी के बारे में।  मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ‘‘ई-यंत्र'' योजना में रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी के जरिये कृषि से जुड़ी वास्तविक समस्याओं और खेतों एवं पौधों की वृद्धि से जुड़े कारकों को भी शामिल किया गया है ताकि छात्रों में इनके बारे में समझ बनायी जा सके. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ‘ई-यंत्र ' मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा मिशन (एनएमआईसीटी) द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है जिसे आईआईटी बॉम्बे आगे बढ़ा रहा है .

इस ओर  कार्य करते हुए मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार आईआईटी बॉम्बे में ई-यंत्र कार्यशालाओं के जरिए 2115 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे विभिन्न कॉलेजों में छात्रों को रोबोटिक्स पढ़ा सकें. ई-यंत्र लैब स्थापित करने की पहल कॉलेज स्तर का आयोजित किया जाने वाला कार्यक्रम है. इसमें कॉलेजों को रोबोटिक्स लैब स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसका मकसद कॉलेजों में रोबोटिक्स की पढ़ाई के लिए आवश्यक आधारभूत ढांचा तैयार करना और शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था तैयार करना है. ई-यंत्र रोबोटिक्स प्रतियोगिता हर वर्ष आयोजित होने वाला कार्यक्रम है. इसमें विज्ञान व गणित विषयों से ग्रेजुएशन कर चुके छात्र, विभिन्न स्ट्रीम से इंजीनियरिंग की डिग्री या डिप्लोमा लेने वाले छात्र हिस्सा ले सकते हैं. प्रतियोगिता के विजयी छात्र आईआईटी बॉम्बे में समर इंटर्नशीप करने के पात्र बनते हैं.

ध्यान देने वाली बात ये है की इसके तहत बढ़ने वाले पौधों के लिये खेत तैयार करने और पौधों की वृद्धि पर नजर रखने के लिये उपकरण तैयार करने का विषय भी शामिल है . ‘ई-यंत्र परियोजना का मकसद छात्रों को रोबोट बनाने और उससे जुड़ी तकनीकी जानकारी देना है. साथ ही अगली पीढ़ी के इंजीनियरों, रोबोट विशेषज्ञों की एक व्यवस्था तैयार करना है. इसके तहत आईआईटी बॉम्बे प्रोजेक्ट वर्क के माध्यम से छात्रों में रोबोटिक्स की वास्तविक समझ विकसित करने में मदद करेगा.

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