महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी फैलने से होटल उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और संकट के समय कई मालिकों ने अपने होटलों को क्वारंटाइन सेंटरों में तब्दील कर दिया था. अब जब कई देशों ने प्रतिबंधों में ढील देनी शुरू कर दी है, तो ऐसे में इन्हें दोबारा खोलना किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में होटलों में रोबोट आधारित सर्विस शुरू करने से लोगों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ कारोबार को तेजी से पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है. एक नए अध्ययन में यह दावा किया है. कोरोना वैक्यूम क्लीनर का नहीं है कोई मुकाबला, चंद मिनटों में कर देता है सबकुछ साफ आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ब्रिटेन की सरे यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लॉकडाउन खुलने के बाद की चुनौतियों की पहचान करने के लिए 19 होटल एचआर विशेषज्ञों से बात की. उन्होंने कहा कि रोबोट सíवस को होटल की गतिविधियों की दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक प्रभावी विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें उच्च लागत, होटल की संगठनात्मक संरचना और संस्कृति में महत्वपूर्ण बदलाव जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंटम्परेरी हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि रोबोटिक तकनीक के बढ़ते उपयोगों के चलते हमें मानव और रोबोट के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है. हफ्ते में दो दिन भोपाल में रहेगा लॉकडाउन, राज्य में बढ़ा संक्रमितों का आंकड़ा अपने बयान में शोधकर्ताओं ने कहा कि मार्च में कोरोना के चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था बदहाल हो गई है. होटल कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कई उद्योगों को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनकी कार्यप्रणाली में बदलाव की जरूरत है. सरे यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन की मुख्य लेखक ट्रेसी जू ने कहा कि होटल उद्योग में रोबोट सर्विस का प्रयोग बढ़ रहा है. हालांकि, इस प्रक्रिया को और तेज किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध हटने के बाद जब प्रबंधक नए सिरे से होटल शुरू करने की योजना बनाएंगे तो रोबोट सर्विस अपनाना सबसे अच्छा और सुरक्षित कदम हो सकता है. जानिए कैसी है फिल्म गुलाबो-सिताबो, कितनी मिली है रेटिंग महाराष्ट्र की 50 हज़ार साल पुरानी झील का पानी हुआ गुलाबी, वैज्ञानिक भी हैरान ओवैसी के मंच से 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने वाली अमूल्य को मिली जमानत