ढाका: म्यांमार में हुई हिंसा के बाद वहाँ से घर-बार छोड़कर भागे हुए रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण लेकर रहने लगे. इन शरणाथियों के आ जाने पर बांग्लादेश में परेशानी का सबब बनने लगा. तब परेशान बांग्लादेश ने विश्व समुदाय से सहायत की मांग की और म्यांमार सरकार को इस मुद्दे के समाधान करने का दवाब बनाने का भी अनुरोध किया. जिस पर भारत सरकार ने बांग्लादेश की मुश्किल और शरणार्थियों दोनों की मददको ध्यान में रखते हुए, सोमवार को बुनियादी ज़रुरत के सामग्री की बड़ी राहत बांग्लादेश को भेज दी है. रोहिंग्या दुर्व्यहार मामला : म्यांमार बोला झूठी है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बांग्लादेश में ठहरे मुसलमान शरणार्थियों के लिए सोमवार को भारत ने 11 लाख लीटर से अधिक मिट्टी का तेल और 20 हज़ार रोज़ाना उपयोग में लाई जाने वाली सामग्रियों के पैकेट भेजा है. बता दें कि बीते वर्ष अगस्त में 7 लाख मुसलमान म्यांमार के रखाइन प्रान्त से बांग्लादेश में शरण लेने भाग आये थे और इसी महीने में म्यांमार की सेना ने इन रोहिंग्याओं को आतंकवादी करार देते हुए, इनके विरुद्ध कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिससे रोहिंग्या म्यांमार से भाग कर बांग्लादेश में आ गए थे. भारत, बांग्लादेश सीमा बलों के बीच दिल्ली में आयोजित होगी उच्चस्तरीय वार्ता बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त हर्षवर्धन श्रींगला ने भारत द्वारा भेजी गई सामग्री बांग्लादेश के आपदाप्रबंधन एवं राहत मामले के वज़ीर मुफ़ज़्ज़ल हुसैन के माध्यम से उनकी सरकार को सौंप दी है. बांग्लादेश और म्यांमार दोनों ही भारत के पड़ोसी देश हैं. भारत हमेशा अपने पड़ोसियों की मदद को तैयार होता है, जिसका यह एक अच्छा उदाहरण है. हम आपको बताना चाहते हैं कि रोहिंग्याओं को मानवीय सहायता के तौर पर भारत द्वारा की गई मदद का यह तीसरा चरण है. ख़बरें और भी भारत में घुसपैठ की फ़िराक में है 10 लाख रोहिंग्या, सेना सतर्क : बीएसएफ म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों की मुश्किलें बढ़ी, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का भी आदेश किया खारिज म्यांमार में रोहिंग्या संकट को लेकर पत्रकारों की सजा पर ब्रिटेन सख्त, कहा तुरंत रिहा करो वरना....