जम्मू कश्मीर। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को गृह सचिव राजीव महर्षि, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में जम्मू कश्मीर में मौजूद रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर चर्चा की गई। जिसमें कहा गया है कि जो रोहिंग्या मुसलमान अवैध तौर पर रह रहे हैं उनकी पहचान कर वहां से हटाने का रास्ता तलाश किया जा रहा है। कहा गया है कि म्यांमार के 10 हजार से भी अधिक रोहिंग्या मुसलमान जम्मू कश्मीर क्षेत्र में निवास कर रहे हैं। इतना ही नहीं सांबा सेक्टर में इनकी अधिक मौजूदगी है। इस दौरान यह बात सामने आई कि राज्य में रोहिंग्या मुसलमान की तादाद लगभग 5700 रूपए है मगर इसकी संख्या 10 हजार तक हो सकती है। विभिन्न भागों में लगभग 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान निवास करते हैं। ये अपने आपको शरणार्थी बताते हैं मगर वे शरणार्थी नहीं हैं। दूसरी ओर बैठक में घाटी में हुई हिंसा को लेकर चर्चा हुई। चर्चा में कहा गया है कि घाटी में पथराव करने और हिंसा फैलाने वालों को सुनिश्चित किया जाए। साथ ही जो लोग पथराव कर रहे हैं। उनहें रोका जाना चाहिए। बैठक में यह बात साने आई कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर ए तोइबा के आतंकियों ने युवाओं को उकसाया इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। PAK ने फिर तोडा सीज़फायर, राजनाथ ने तत्काल बुलाई हाईलेवल मीटिंग श्रीनगर जा रहे CRPF काफिले पर आतंकवादी हमला श्रीनगर में सुरक्षकर्मियों पर ग्रेनेड हमले में 1 पुलिसकर्मी शहीद