दीमापुर। दीमापुर मुस्लिम परिषद द्वारा नागालैंड में मस्जिदों को पंजीकृत करने का कार्य किया जा रहा है। यह इसलिए किया गया। इस प्रक्रिया के तहत मस्जिदों का वेरिफिकेशन किया जाएगा। जिसके तहत यह परखा जाएगा कि, मस्जिदें विभिन्न मानदंडों को पूर्ण करेगी या नहीं। इस मामले में कहा गया है कि एमसीडी का निर्णय बेहद महत्वपूर्ण है। इन रिपोर्टस में दावा किया गया है, जिसमें कहा गया है कि रोहिंग्या राज्य की सुरक्षा हेतु एक गंभीर मसला है। जानकारी यह भी सामने आई है कि, दीमापुर के इमाम ऐसे रोहिंग्या विद्रोहियों से संपर्क में हैं जो, बांग्लादेश में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं। इन लोगों ने बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हथियार व गोला - बारूद आदि जमा किए हैं। यह उत्तरपूर्वी राज्यों विशेषकर नागालैंड की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि, करीब 2 हजार स्थानीय मुसलमानों द्वारा नागाओं के विरूद्ध हथियार उठाने हेतु उन्हें आगे आना होगा। माना जा रहा है कि, असंगत तरह से रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकाला जा सकता है। रोहिंग्या को मिले म्यांमार से बाहर शरण - तसनीम सिद्दीकी अब रोहिंग्या मुसलमान के खिलाफ बोले त्रिपुरा के राज्यपाल यूएन ने म्यांमार को दी चेतावनी